भारत से चर्चा करने के लिए पाकिस्तान के ज़ोरदार प्रयास

लंडन/इस्लामाबाद: लंडन के एक कार्यक्रम में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने स्वतंत्र कश्मीर का मुद्दा उपस्थित किया था। उस समय कश्मीर की समस्या सुलझाने के लिए चर्चा यह एक ही विकल्प होने के बात उन्होंने कही थी। तथा भारत एवं पाकिस्तान के बीच चर्चा के लिए अमरिका की मध्यस्थी का पाकिस्तान स्वागत करेगा, ऐसा पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा असिफ ने कहा था। पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख ने अफगानिस्तान के साथ होने वाले व्यापारी परिवहन की चर्चा में भारत को भी शामिल करने की तैयारी दिखाई थी। उसकी वजह से पाकिस्तान भारत के साथ चर्चा शुरू करने के लिए ज़ोरदार प्रयत्न कर रहा है, ऐसा प्रतीत हो रहा है।

चर्चा

कश्मीर के स्वतंत्रता की संकल्पना अव्यवहार्य होने की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ‘लंडन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ में आयोजित किए कार्यक्रम में कहा है। अलग शब्दों में स्वतंत्र कश्मीर हमें मंजूर न होते हुए, कश्मीर पाकिस्तान का ही हिस्सा बने ऐसा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सूचित किया है। यह दावा करते हुए उन्होंने पाकिस्तान का प्रश्न चर्चा से सुलझाया जा सकता है, ऐसा कहकर भारत के सामने चर्चा के लिए एक और प्रस्ताव रखा है। पिछले कई दिनों से पाकिस्तान भारत के साथ चर्चा करने के लिए अनेक प्रयत्न कर रहा है, जिसके संकेत मिल रहे हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा असिफने भारत एवं पाकिस्तान में चर्चा के लिए अमरिका मध्यस्थी करेगा, तो पाकिस्तान उसका स्वागत करेगा।

भारत ने ईरान के छाबर बंदरगाह विकसित करके इस मार्ग से अफगानिस्तान के साथ व्यापारी परिवहन शुरू किया है। इसकी वजह से अफगानिस्तान को लगभग सभी जीवनावश्यक वस्तु एवं उत्पादन का निर्यात करनेवाले पाकिस्तान की अस्वस्थता दिखाई दे रही है। भारत एवं अफगानिस्तान में व्यापार के लिए पाकिस्तान मार्ग खुला करें, ऐसी मांग दोनों देशों से अनेक बार की गई थी। पर पाकिस्तानी यह मांग ठुकरायी थी। पर कुछ दिनों पहले अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने इस संदर्भ में ठोस भूमिका लेने के बाद पाकिस्तान की आंखें खुली है।

जब तक पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार का मार्ग अपने लिए खुला नहीं करता, तब तक पाकिस्तान एवं चीन के सीपीईसी प्रकल्प को अफगानिस्तान सहायता नहीं करेगा, ऐसा अफगानी राष्ट्राध्यक्ष गनीने घोषित किया था। इस संदर्भ में पाकिस्तानी लष्कर प्रमुख बाजवाने राष्ट्राध्यक्ष गनी से चर्चा की थी। इस चर्चा में अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में व्यापारी चर्चा में भारत को शामिल करने के लिए पाकिस्तान लष्कर प्रमुखने तैयारी दिखायी थी। पर भारत ने इस चर्चा के प्रस्ताव इंकार करने की जानकारी भारतीय माध्यमोंने प्रसिद्ध की है।

भारत द्वेष के लिए प्रसिद्ध पाकिस्तानी लष्कर प्रमुख से भारत के साथ चर्चा करने की तैयारी दिखाने के बाद अपनी भूमिका में बदलाव होने का संदेश दिए जा रहे हैं। तथा इस से पहले भी भारत के विरोध में गर्जना करनेवाले पाकिस्तानी लष्कर प्रमुख ने भारत के साथ पाकिस्तान की चर्चा को अपना विरोध ना होने की बात कही थी। फिलहाल पाकिस्तान दिवालियाखोर स्थिति में होने से पाकिस्तान के नेता एवं लष्कर नेतृत्व भी भारत के साथ चर्चा करने की तैयारी दिखा रहे हैं। पर जब तक पाकिस्तान आतंकवादी भूमिका नहीं छोड़ देता तब तक कोई भी चर्चा संभव ना होने की भूमिका भारत सरकार ने ली है और इस भूमिका में कोई बदलाव होने की आशंका नहीं दिखाई दे रही है।

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