राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की ‘अफगान नीति’ ओबामा से भी अच्छी – अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी का दावा

न्यूयॉर्क: अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की अफगानिस्तान के बारे में नीति ओबामा से भी अच्छी है और यह नीति सफल होगी, ऐसा दावा अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अब्दुल गनी ने किया है। मजबूत अफगानी लश्कर और ट्रम्प ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से यह संभव होगा, ऐसा भी गनी ने कहा है।

न्यूयॉर्क में चल रही संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा की पृष्ठभूमि पर गनी ने राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात की। उसके बाद एक कार्यक्रम में उन्होंने ट्रम्प की अफगान नीति की, की हुई तारीफ ध्यान खींचने वाली साबित हुई है।

‘अफगान नीति’कुछ ही दिनों पहले अमरीका के तीन हजार से ज्यादा सैनिक अफगानिस्तान की और रवाना होने की घोषणा अमरीका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटीस ने की थी। राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान के बारे में घोषित की हुई ने नीति की पृष्ठभूमि पर यह नै तैनाती की जा रही है। पिछले महीने में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपनी अफगानिस्तान विषयक नीति घोषित की थी। तालिबान,’आईएस’ और अन्य आतंकवादी संगठनों का अफगानिस्तान में बढ़ रहा प्रभाव अमरीका की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है, ऐसा कहकर ट्रम्प ने अफगानिस्तान में नए सिरे से अतिरिक्त सैन्य तैनाती करने की घोषणा की थी।

अफगानिस्तान के आतंकवादियों का खात्मा किए बिना यहाँ से पीछे हटने वाले नहीं हैं, ऐसा ट्रम्प ने स्पष्ट किया था। अफगानिस्तान की इस आतंकवाद विरोधी लड़ाई के लिए नाटो सदस्य देशों ने अतिरिक्त सैन्य तैनाती करनी चाहिए, ऐसा भी सुझाव दिया था। उसीके साथ भारत भी अफगानिस्तान में लश्करी भूमिका अपनाए, ऐसा आवाहन भी ट्रम्प ने किया था। चीन और पाकिस्तान ने इस पर टीका की है फिर भी अफगानिस्तान ने ट्रम्प की नीति का स्वागत किया है।

‘राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की अफगान नीति मतलब केवल एक व्यक्ति ने की हुई घोषणा नहीं है, उसे कई लोगों का सहकार्य मिला है। ट्रम्प प्रशासन ने हमारे साथ दीर्घ सलाह मशवरा करके नीति जाहिर की है और यह इसकी प्रमुख विशेषता है’, ऐसा अफगानी राष्ट्राध्यक्ष ने कहा है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने अफगान नीति घोषित करते समय अपनाई हुई ‘प्रादेशिक दृष्टिकोण’ और पाकिस्तान के बारे में आक्रामक नीति इस वजह से उनकी नीति भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ओबामा से अलग होने का दावा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने किया है।

‘अफगान मुद्दे पर चल रही कोशिशों में शामिल होने का और इस क्षेत्र में एक जिम्मेदार जोड़ीदार के तौर पर तैयार होने का स्पष्ट सन्देश पाकिस्तान को दिया गया है। उसी समय आतंकवाद विरोधी संघर्ष के लिए भी पाकिस्तान को उचित सबक दिया गया है। अफगानिस्तान सरकार भी पाकिस्तान को चर्चा में सहभागी होने का आमंत्रण दे रही है’, ऐसा गनी ने कहा है। उसी समय पाकिस्तान ने यह मौका स्वीकार नहीं तो इसकी उनको बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसा इशारा भी अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है।

दौरान, रशिया ने अफगानिस्तान के लिए नियुक्त किए विशेष दूत झमिर काबुलोव्ह ने अमरीका की विशेष दूत एलिस वेल्स के साथ अफगान मुद्दे पर चर्चा करने की बात सामने आई है। इस चर्चा में, अमरीका ने अफगान मुद्दे पर रशिया के साथ सहकार्य करने के संकेत देने की जानकारी रशियन दूतों ने दी है।

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