बराक ओबामा के बयान पर भारत से तीव्र प्रतिक्रियाएं दर्ज़

नई दिल्ली – हम अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष होते तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भारत के अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया होता, ऐसा दावा अमरिका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने किया था। उनके इस बयान पर भारत से तीव्र प्रतिक्रियाएं दर्ज़ हुई हैं। केंद्रीत वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ओबामा की कड़ी आलोचना की हैं। 

बराक ओबामाप्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे को प्रचंड़ कामयाबी प्राप्त हुई। अमरिकी संसद में प्रधानमंत्री ने किया भाषण पर बड़ी चर्चा हुई। इसकी अमरीका में भी बड़ी सराहना हुई थी। साथ ही अमरीका के कुछ लोगों को इससे पेट दर्द होता दिख रहा है। इनमें अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा का भी समावेश हैं। उन्होंने भारत के अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाकर प्रधानमंत्री मोदी को मुश्किलों में धकेलने की कोशिश की। भारत के अल्पसंख्याक समुदाय के कुछ लोगों ने ओबामा के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

भारत में किसी भी तरह से धर्म के आधार पर भेद नहीं किया जाता। कोई एक-दो उदाहरण पेश करके उसका गलत इस्तेमाल करना सभी मायनों में गलत है, ऐसा अल्पसंख्याक समुदाय के लोगों ने कहा था। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने भी इस दौरान यह याद ताज़ा की है कि, ओबामा के कार्यकाल में अमरीका ने छह इस्लामी देशों पर हमले किए थे। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ओबामा को फटकार लगाते यह कहा कि, वह पहले अपने देश की चिंता करें।

भारतीय विश्लेषकों ने ओबामा की कड़ी आलोचना करके उनके दोगले रवैये पर सटिक ध्यान आकर्षित किया है। अमरीका से अधिक भारत का जनतंत्र परिपक्व और सर्वसमावेशक हैं, इसका अहसास भारतीय नेटकरों ने ओबामा को कराया। इसके लिए उन्होंने कई दाखिले भी पेश किए हैं। ओबामा ने भारत की ऐसी आलोचना करके अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। इससे उनका दोगला रवैया दुनिया के सामने आया है, ऐसा भारतीय विश्लेषक कह रहे हैं। 

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