अमरिकी डॉलर के ऐतिहासिक प्रभाव का अन्त शुरू हुआ है – रशियन बैंक के प्रमुख का दावा

मास्को – लंबे समय से बने अमरिकी डॉलर के ऐतिहासिक प्रभाव का अन्त अब शुरू हुआ है। करीबी समय में चीन ने अपने युआन मुद्रा पर लगाए प्रतिबंध हटाने होंगे, ऐसा दावा रशियन की शीर्ष बैंक ‘व्हीटीबी’ के प्रमुख ने किया है। युआन मुद्रा ‘नॉन-कन्वर्टिबल करन्सी’ के तौर पर कायम रही तो चीन कभी भी पहले स्थान की अर्थव्यवस्था नहीं बन सकेगा और इसका चीन को अहसास हुआ है, ऐसा व्हीटीबी के प्रमुख आंद्रे कोस्टिन ने कहा। 

अमरिकी डॉलररशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और मित्र देशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए। इसमें अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा ‘स्विफ्ट’ का इस्तेमाल करने पर लगाई रोक का भी समावेश था। इसके विकल्प में रशिया ने रुबल के साथ अन्य प्रमुख मुद्राओं का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया था। रशिया के साथ व्यापार कर रहे प्रमुख देशों ने यह प्रस्ताव स्वीकार करके इसका कार्यान्वयन भी शुरू किया था। दूसरी ओर चीन ने अपने युआन मुद्रा का हिस्सा बढ़ाने के लिए तेज़ कदम उठाए हैं। 

अमरिकी डॉलरइस पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश और अमरिकी अभ्यासगुटों ने अमरिकी डॉलर को लेकर गंभीर चेतावनी दी थी। अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़ी व्यवस्था में भारी उथल-पुथल हो रही है और कुछ देश विदेशी मुद्रा भंड़ार में डॉलर की मात्रा कम करने का विचार कर रहे हैं, यह इशारा भी मुद्रा कोश के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया था। ऐसे में दुनिया के कुछ सेंट्रल बैंक अब अमरिकी डॉलर पर बनी निर्भरता क्या सही है, इसपर फिर से सोच-विचार कर रहे हैं, इसपर भी अमरिकी अभ्यासगुट ने ध्यान आकर्षित किया था।

रशिया ने अपने कारोबार में अमरिकी डॉलर की मात्रा लगभग ज़िरो कर दी हैं और स्थानीय मुद्रा रुबल समेत युआन और अन्य देशों के मुद्राओं के ज़रिये भारी मात्रा में व्यापार करना शुरू किया है। रशिया और चीन के समावेश वाले ‘ब्रिक्स’ गुट ने भी अपनी मुद्रा का विकल्प लाने की गतिविधियां शुरू करने की बात सामने आयी है।

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