अमरीका और सौदी अरब ने सूड़ान के गुटों को युद्ध विराम बढ़ाने के लिए किया आवाहन

रियाध/दुबई – सूड़ान की सेना और विद्रोही अर्धसैनिक बलों का युद्धविराम सदोष हैं। इस युद्ध विराम के बावजूद भी सूड़ान के दोनों गुटों का संघर्ष शुरू हैं। फिर भी सूड़ान के दोनों गुट इस सदोष युद्ध विराम की समय सीमा बढ़ाएं, ऐसा आवाहन अमरीका और सौदी अरब ने किया। सूड़ान की जनता तक मानवी सहायता पहुंचाने के लिए युद्ध विराम आवश्यक है, ऐसा बयान अमरीका और सौदी ने किए संयुक्त आवाहन में किया है। 

अमरीका और सौदी अरब१५ अप्रैल से सेना यानी ‘सूड़ान आर्म्ड फोर्सेस’ (एसएएफ) और अर्धसैनिक बल यानी ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेस’ (आरएसएफ) का संघर्ष शुरू हुआ है। सूड़ान के सेनाप्रमुख देश की बागड़ोर जनतांत्रिक नेतृत्व को सौपने के लिए तैयार हैं। लेकिन, अर्धसैनिक बल इस के विरोध मे हैं और कुछ वर्ष तक सूड़ान पर हमारा नियंत्रण कायम रहे, ऐसी मांग इस विद्रोही अर्धसैनिक बल कर रहा है। इसी मुद्दे पर पिछले सात हफ्तों से सूड़ान में सेना और अर्धसैनिक बल का संघर्ष हो रहा है।

अबतक के इस संघर्ष में ७३० से अधिक सैनिक मारे गए हैं और ५,५०० लोग घायल हुए हैं। इस संघर्ष के मृतकों में अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठन के आठ सदस्यों का भी समावेश है। इसके साथ ही इस संघर्ष के कारण कम से कम १४ लाख लोग विस्थापित होने का दावा किया जा रहा है। राजधानी खार्तूम से झालिंगी, मध्य दर्फूर, अल फाशेर, उत्तर दर्फूर, अल ओबेद और नॉर्थ कोर्डोफन में संघर्ष शुरू है। २२ मई को हुए संघर्ष विराम के बाद भी यह संघर्ष बंद नहीं हुआ है, इसके लिए दोनों गुट एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

सूड़ान के कुछ हिस्सों से दोनों गुटों पर मानव अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाए जा रहे हैं। सूड़ानी बेटियां और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों में बड़ी बढ़ोतरी होने की चिंताजनक जानकारी सामने आ रही है। राजधानी खार्तूम लगातार हो रहे संघर्ष में झुलस रहा हैं और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय सहायता इस देश की जनता तक पहुंचने में असफलता प्राप्त हो रही है। इस वजह से सूड़ान की भूखमरी एवं इससे हो रही मौतों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका और सौदी अरब ने सूड़ान को युद्ध विराम की मर्यादा बढ़ने का आवाहन किया है।

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