अमरिकी जनतंत्र पर देश के ९० प्रतिशत नागरिक नाराज़ – ‘असोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी’ की समीक्षा रपट का निष्कर्ष

वॉशिंग्टन – अपने देश का जनतंत्र ठिक से काम नहीं कर रहा है, यह विचार दस में से नौ अमरिकी नागरिक रखते हैं। अपने देश में जनतंत्र सही ढ़ंग से काम कर रहा हैं, यह विचार दस में से एक अमरिकी नागरिक रखता है, यह बात एक समीक्षा रपट से स्पष्ट हुई है। विश्व के सबसे पूराने जनतंत्र होने का अभिमान व्यक्त कर रही अमरीका को लगा यह काफी बड़ा झटका होगा। अर्थव्यवस्था से गन कल्चर तक के सभी मोर्चों पर हमारा जनतंत्र नाकाम हुआ है, यह कहकर अमरिकी नागरिक यह निष्कर्ष दर्ज़ करते दिख रहे हैं।

‘द असोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेअर्स रिसर्च’ ने किए निरीक्षण में यह चौकानेवाली जानकारी सामने आयी है। अपने देश का जनतंत्र असफल हुआ है, यह विचार रखने वाले अमरिकी नागरिकों की मात्रा कुल ४९ प्रतिशत होने की बात इस रपट ने सामने लायी है। वहीं, हमारे देश में जनतंत्र किसी तरह से स्थान बनाए होने का विचार रखनेवाले अमरिकी नागरिकों की संख्या ४७ प्रतिशत होने की बात भी इस रपट ने स्पष्ट की है। इससे अपने देश के जनतंत्र पर नाराज़ नागरिकों की मात्रा काफी ज्यादा है और यह सभी मौजूदा व्यवस्था पर खूश नहीं है, यह दावा इस रपट में किया गया है।

अपने देश का जनतंत्र बिल्कुल अच्छी तरह से सक्रिय होने का सोच रखने वालों की मात्रा महज १० प्रतिशत ही है, ऐसा यह रपट कहती है। अमरीका के दोनों सियासी दलों पर जनता नाराज़ हैं, यह भी इस रपट से स्पष्ट हुआ है। अमरिकी अर्थव्यवस्था संभालने में हुई असफलता ही इसकी प्रमुख वजह होने का बयान अमरिकी मतदाता कर रहे हैं। मौजूदा नौकरियां खोने के अवसर उभर रहे हैं और साथ ही नई नौकरियों का निर्माण बंद है। महंगाई उछाल पर होते समय सीमित आय के साथ दिन गुजारना कठिन हुआ है, ऐसी शिकायतें करके कुछ नागरिकों ने इसे अपनी सियासी व्यवस्था की नाकामयाबी बताया है।

इसके साथ ही गन कल्चर यानी बंदूक खरीद और बिक्री करने पर नियंत्रण रखने में मिली नाकामयाबी के बड़े परीणाम अमरीका भुगत रही हैं। इससे हुई हिंसा से अमरिकी समाज को भारी नुकसान पहुंच रहा हैं। यह हिंसा रोकने के मोर्चे पर हमारे जनतंत्र की व्यवस्था कम पड़ी है, ऐसा अफसोस अमरिकी जनता व्यक्त कर रही हैं और इसकी छवि भी इस रपट में देखी जा रही है।

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