जम्मू-कश्मीर के पत्थर फैंक मे ९० प्रतिशत गिरावट- जम्मू कश्मीर के महासंचालक

जम्मू: सुरक्षा दलने आतंकवादियो के विरोध में हाथ लिए मुहिम और राष्ट्रीय जांच संस्था (एनआयए) की कारवाई इसके साथ जनता से मिलने वाले समर्थन की वजह से जम्मू कश्मीर की परिस्थिति बदल रही है। जम्मू कश्मीर में पत्थर फैंक ने की घटनाए ९० फी़सदी कम होने की बात से, यहां स्थित लोगों की मानसिकता में होने वाला बदलाव रेखांकित हो रहा है, ऐसा जम्मू कश्मीर के महासंचालक एस.पी. वैदने कहा है।

पत्थर फैंक

पिछले वर्ष जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर बुरहान वाणी मुठभेड़ में मारे जाने के बाद, विद्रोहियों ने पाकिस्तान की मदद से अस्थिरता फैलाने का प्रयत्न किया था। पर उसके बाद सुरक्षा दल के कठोर कारवाई में आतंकवादी बड़ी तादाद में मारे जा रहे हैं और इसकी वजह से आतंकवाद एवं उन्हें सहायता करने वाले विद्रोही अस्वस्थ होते दिखाई दे रहे हैं। साथ ही एनआयए से होने वाले कारवाईयों की वजह से जम्मू कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए पाकिस्तान से हवाला के जरिए होने वाले पैसों का व्यवहार ठप्प हुआ है। विद्रोही नेता इन्हीं पैसों से जम्मू कश्मीर में पत्थर फैंक कर रहे थे, ऐसा इससे पहले भी स्पष्ट हुआ है।

इस पृष्ठभूमि पर बोलते हुए जम्मू कश्मीर के महासंचालक एस.पी. वैद ने इस बदले हुए परिस्थिति का श्रेय केवल एनआयए से किए जाने वाली कारवाई नहीं बल्कि परिस्थिति बदलने के पीछे अनेक कारण होने के बात कहकर उन्हें स्पष्ट की है। आतंकवादियों के विरोध में सुरक्षा दलने हाथ लिए जोरदार कारवाई में अनेक बड़े आतंकवादी मारे गए हैं। पर इस कारवाई के साथ जम्मू कश्मीर की जनता से मिलने वाला समर्थन यह महत्वपूर्ण बात है, ऐसा महासंचालक ने कहा है।

पिछले वर्ष इस समय में हर दुसरे दिन लगभग ४० से ५० पत्थर फेंक की घटना हो रही थी। पर इस हफ्ते में एक भी पत्थर फैंक की घटना नहीं हुई है, ऐसा कहकर पुलिस महासंचालक वेदने हुए बदलाव पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले वर्ष हुए पत्थर फैंक यह इस राज्य की जनता, भारत के विरोध में खड़े रहने के लक्षण होने का दावा कुछ विशेषज्ञों से किया जा रहा था। पर उसमें कोई अर्थ न होकर यह पाकिस्तान समर्थक विद्रोहियों का षड्यंत्र होने के बात सुरक्षा अधिकारी दल अधिकारी कह रहे थे। पर अब यह बात सिद्ध होती दिखाई दे रही है।

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