पुख़्ता सबूत के बिना ‘मसूद अझहर’ पर कार्रवाई संभव नहीं : भारत के साथ होनेवाली बातचीत से पहले ही चीन की चिल्लाहट

नई दिल्ली/बीजिंग, दि. १७: अगले सप्ताह भारत और चीन के बीच सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण चर्चा शुरू होनेवाली है| इस बातचीत में, ‘मसूद अझहर’ पर संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा की जा रही कार्रवाई को चीन ने किये विरोध का मुद्दा भारत द्वारा दर्ज किया जायेगा| इस बात को ध्यान में लेते हुए चीन ने इस बातचीत से पहले ही, ‘अझहर’ पर कार्रवाई करने के लिए ‘पुख़्ता सबूत’ की ज़रूरत है, ऐसा दावा किया| इससे यही संकेत स्पष्ट रूप से मिल रहे हैं कि इस बातचीत में चीन ‘अझहर’ का मुद्दा नजरअंदाज़ करेगा|

२२ फरवरी से भारत और चीन के बीच सामरिक दृष्टी से महत्त्वपूर्ण बातचीत शुरू होनेवाली है| इस चर्चा में भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर और चीन के उपविदेशमंत्री झँग येसूई शामील होनेवाले है| इस चर्चा में भारत द्वारा ‘अझहर’ का मुद्दा उपस्थित किया जायेगा| भारत और अमरीका ने ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का मुखिया रहनेवाले ‘अझहर’ पर कार्रवाई करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षापरिषद में प्रस्ताव पारित किया| लेकिन चीन ने तकनिकी कारण देते हुए इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी| इसके लिए चीन ने किये हुए अपने ‘नकाराधिकार’ के गैरइस्तेमाल के कारण भारतीयों की नाराज़गी बढ़ी|

इसी कारण भारतीयों में चीन के खिलाफ क्रोध उबल रहा होकर, इस सिलसिले में चीन को सबक सिखाने की माँग तेज़ होती जा रही है| भारत के विदेशमंत्रालय ने समय समय पर चीन के पास इस बारे में चिंता दर्ज की थी| लेकिन पुख़्ता सबूतों की माँग करते हुए चीन भारत के साथ होनेवाली इस सामरिक दृष्टी से महत्त्वपूर्ण बातचीत में भी इस मुद्दे को ख़ारिज़ करने की कोशिश कर रहा है| चीन के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने, अझहर के संदर्भ में रहनेवाली चीन की भूमिका में बदलाव न हुआ होकर, उसपर कार्रवाई के लिए सबूतों की ज़रूरत है, ऐसे कहा है| इसके साथ ही, भारत के ‘एनएसजी’प्रवेश को चीन ने किया विरोध भी नियमों पर आधारित होकर, इस बारे में चीन अपनी भूमिका में बदलाव नहीं करेगा, ऐसा शुआंग ने कहा है|

उनके इन बयानों से यह पहले से ही स्पष्ट हुआ था कि भारत और चीन के बीच की इस सामरिकदृष्ट्या महत्त्वपूर्ण बातचीत में से भारत के हाथ में कुछ भी नही लगेगा| लेकिन भारत चीन को अधिक व्यापारी सहूलियतें दें इसके लिए चीन भारत पर दबाव बढायें, ऐसी माँग चीन के सरकारी अखबार ने की है| भारत में चिनी सामग्री का बहिष्कार करने का आवाहन किया जा रहा है, यह बात चिंताजनक साबित होती है|

चीन की सरकार ने इसपर गंभीरतापूर्वक सोचना चाहिए, ऐसी सलाह इस अखबार ने दी है|

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