पाकिस्तान में भयानक आत्मघाती हमले में ४० लोगों की मौत – घायलों की संख्या २०० से अधिक

पेशावर – पाकिस्तान के खैबर-पख्तुनख्वा प्रांत के बाजोर जिले में आयोजित सभा में आत्मघाती हमला होने से ४० लोग मारे गए और २०० से अधिक घायल हुए हैं। इस हमले के साथ ही पाकिस्तान अधिक असुरक्षित होने की बात स्पष्ट हुई है। इस हमले की ज़िम्मेदारी अभी किसी भी संगठन ने स्वीकार नहीं की है। लेकिन, इसके पीछे ‘तेहरिक ए तालिबा’ का हाथ होने की आशंका जताई जा रही हैं।

पाकिस्तान में भयानक आत्मघाती हमले में ४० लोगों की मौत - घायलों की संख्या २०० से अधिकखैबर-पख्तुनख्वा प्रांत के बाजोर जिले में ‘जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-फझ्ल’ (जेयूआई-एफ) नामक सियासी दल के कार्यकर्ताओं की सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा के लिए पांचसौ से अधिक लोगों का जमावड़ा होने की बात कही जा रही हैं। वहीं आत्मघाती हमलावर ने बड़ा विस्फोट किया। इससे ४० लोग मारे गए और २०० से अधिक घायल होने की जानकारी प्रदान हुई है। विस्फोट के बाद हुई गड़बड़ी के कारण इस हमले की तीव्रता अधिक बढ़ी, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं। इस हमले के वीडियो भी सामने आए हैं। विस्फोट के बाद ‘जेयूआई-एफ’ के प्रमुख मौलाना फझलुर रेहमान ने अपने कार्यकर्ताओं से शांत रहने की सूचना की और यंत्रणाओं को सहायता करने को कहा।

साथ ही पाकिस्तान की सरकार और यंत्रणा इस हमले की गहराई से जांच करें, यह मांग भी मौलाना फझलुर रेहमान ने की। हमारे पार्टी के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले पहले भी किए गए थए। इसके विरोध में हमने संसद में आवाज़ भी उठाई थी। लेकिन, उसे अनदेखा किया गया, ऐसा अफसोस ‘जेयूआई-एफ’ के अन्य नेता व्यक्त कर रहे हैं। इसी बीच, वर्णित आत्मघाती विस्फोट के बाद कोई भी आतंकवादी संगठन इस हमले का ज़िम्मा उठाने के लिए आगे नहीं आयी थी। ऐसे में यही आशंका जताई जा रही है कि, इस हमले के पीछे पाकिस्तान को खुलेआम चुनौती दे रही ‘तेहरिक ए तालिबान’ ज़िम्मेदार है।

पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत में तनाव बढ़ता दिख रहा है। वर्ष २०२१ के अगस्त महीने में अफ़गानिस्तान तालिबान ने कब्ज़ा किया था। इसके बाद पाकिस्तान में जल्लोष का माहौल बना था। लेकिन, बाद में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों की मात्रा बढ़ी। इन हमलों को अंजाम दे रही ‘तेहरिक ए तालिबान’ अफ़गानिस्तान की तालिबान से जुड़ी संगठन होने का दावा पाकिस्तान कर रहा है। इसी कारण से अफ़गान तालिबान तेहरिक पर कार्रवाई करें, इसके लिए पाकिस्तान ने दबाव बनाया था। लेकिन, तालिबान की हुकूमत ने इसपर रिस्पान्स नहीं दिया। उल्टा तेहरिक का इस्तेमाल करके अफ़गान तालिबान पाकिस्तान को बंधक बनाती दिखाई पड़ी थी।

कुछ समय के लिए तेहरिक और पाकिस्तान की सरकार के बीच युद्ध विराम भी हुआ था। लेकिन, पिछले वर्ष के नवंबर महीने में तेहरिक ने यह युद्ध विराम तोड़ दिया। इसके बाद तेहरिक के आतंकी हमलों का भीषण सिलसिला भी पाकिस्तान में शुरू हुआ। लेकिन, इन हमलों का लक्ष्य पाकिस्तानी सेना और पुलिस होगी, ऐसा तेहरिक ने कहा था। इसके बाद पाकिस्तानी सरकार और सेना ने तेहरिक के विरोध में सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया। इसके साथ ही तेहरिक की गतिविधियों को लेकर पाकिस्तान ने अफ़गानिस्तान की तालिबान को भी चेतावनी देने की बात देखी गई थी।

अमरीका के कहने पर ही पाकिस्तान तेहरिक एवं हमारे विरोध में कार्रवाई करेन की तैयारी जुटाने में लगा होने का बयान अफ़गान तालिबान कर रही हैं। अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर होने से पाकिस्तान अब अमरीका से आर्थिक सहायता पाने की कोशिश में लगा है। इस सहायता के बदले में पाकिस्तान अफ़गानिस्तान की तालिबान पर कार्रवाई करें, यह अमरीका की मांग हैं। इसे पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों से अमरीका से पाकिस्तान को लेकर सहानुभूति भरे बयान किए जा रहे हैं। अमरीका के सेंटकॉम प्रमुख जनरल कुरिला ने हाल ही में पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल असिम मुनीर से चर्चा करने की बात भी स्पष्ट हुई थी। इस दौरान जनरल कुरिला ने पाकिस्तान की सराहना भी की थी।

अमरीका और पाकिस्तान का यह सहयोग अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत विरोधी होने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हुए थे। अमरीका के इस सहयोग की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी, यही रविवार के इस भयानक आत्मघाती हमले के ज़रिये तेहरिक एवं तालिबान ने दर्शाया होने की संभावना है। आगे के दौर में पाकिस्तान को ऐसे भयानक हमलों का सामना करना पड़ने के आसार स्पष्ट दिख रहे हैं।

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