अफगान सुरक्षा दल की कार्रवाई से, जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी हरकत करने की पाकिस्तान की साज़िश हुई नाकाम

बगदाद – अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में अफगान सुरक्षा यंत्रणा ने तालिबान के अड्डे पर किये हमले में पंधरह आतंकी मारे गए है। इनमें पाँच तालिबानी और जैश-ए-मोहम्मद के दस आतंकियों का समावेश है। साथ ही, इस कार्रवाई के दौरान जैश के एक आतंकी को ज़िंदा पकडने में अफगान यंत्रणा क़ामयाब हुई है। हमले की जगह पर तालिबान के आतंकी जैश के सदस्यों को जम्मू-कश्‍मीर में आतंक फैलाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे थे, ऐसी चौकानेवाली जानकारी भी सामने आयी है। इस वजह से, अफगान सुरक्षा यंत्रणा ने की हुई यह कार्रवाई, पाकिस्तान और पाकिस्तान का कुविख्यात गुप्तचर संगठन आयएसआय को काफ़ी बड़ा झटका देनेवाली साबित हो रही है।

अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के मोहम्मद डेरा क्षेत्र में तालिबान का यह ट्रेनिंग कैम्प शुरू था। अप्रैल १३ और १४ को अफगान सेना और तालिबान के बीच इस क्षेत्र में जोरदार मुठभेड़ हुई। इसमें १५ आतंकी ढेर हुए और ४ अफगान सैनिक मारे गए। ढेर हुए आतंकियों में ५ तालिबानी और दस जैश के आतंकियों का समावेश है और साथ ही, जैश के एक आतंकी को हिरासत में लेने में कामयाबी मिलने की जानकारी अफगान सुरक्षा यंत्रणा ने साझा की। इस मुठभेड़ के वीडियोज्‌ जारी हुए हैं। इस कार्रवाई में अफगान सेना ने २ मॉर्टर लौंचर्स, १ रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड और ए.के.रायफल भी घटना की जगह से बरामद किये हैं। इन आतंकियों को कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियाँ करने के लिए तैयार किया जा रहा था, ऐसी जानकारी अफगान सुरक्षा यंत्रणा साझा की है।

अमरीका ने अफगानिस्तान में तैनात सेना हटाने की तैयारी शुरू की है और इसके लिए अमरीका ने तालिबान के साथ शांतिवार्ता भी शुरू की थी। अमरीका की सेना हटने के बाद अफगानिस्तान तालिबान के कब्जें में जाएगा, यह अंदाजा व्यक्त करके पाकिस्तानी सेना के विश्‍लेषक और चरमपंथी काफ़ी आनंद व्यक्त कर रहे थे। आनेवाले दिनों में. अफगानिस्तान पर जमा भारत का प्रभाव पूरी तरह से ख़त्म करकें, इस देश का इस्तेमाल भारत के विरोध में करने के सपने पाकिस्तानी सेना देखने लगी थी। इसी दिशा में पाकिस्तान की सेना और कुविख्यात गुप्तचर संगठन आयएसआय ने तैयारी करना भी शुरू किया था। तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के आतंकी भी इसी काम में जुटें होने की खबरें जारी हुई थीं।

इसी वजह से, तालिबान के, ख़ासकर हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों ने अफगानिस्तान में भारतीय हितसंबंधों पर आतंकी हमलें करने की कड़ी कोशिश की थी। कुछ दिन पहले, काबुल में सिखधर्मियों के गुरुद्वारा पर हुआ कायराना हमला पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठनों ने ही करवाया था, यह स्पष्ट हुआ है। अब नांगरहार में स्थित तालिबान के प्रशिक्षण केंद्र में जैश के आतंकी, जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, यह भी स्पष्ट हुआ है। इस वजह से पाकिस्तान के काले कारनामों की फिर से पोलखोल हुई है।

इस वजह से, पाकिस्तान की आयएसआय जम्मू-कश्मीर में भयंकर आतंकी हमला करने की साजिश कर रही है, यह बात फिर एक बार दुनिया के सामने आयी है। मुख्य रूप में, अफगान सुरक्षा यंत्रणा ने इस साजिश की जानकारी सार्वजनिक करके पाकिस्तान पर बड़ा दबाव बनाया है। जीवित हाथ लगे जैश के आतंकी से यदि पाकिस्तान की इस साज़िश की अधिक जानकारी प्राप्त हुई, तो इससे पाकिस्तान को काफी बडे परिणाम भुगतने पड सकते हैं। इसी वजह से, अफगान सुरक्षा यंत्रणा ने की हुई इस कार्रवाई की बडी अहमियत बनी है।

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