वांशिक संघर्ष के दौरान माली में ३५ लोगों की मौत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबमाको – पश्‍चिम आफ्रिका में माली में रविवार के दिन हुए हमलों में ३५ लोग बलि हुए है और ३०० से अधिक लोग लापता है| मध्य माली के चार गांवों में यह हमलें हुए और इनमें की एक घटना में भूसुरूंग का इस्तेमाल होने की जानकारी सामने आ रही है| इन हमलों में माली के ‘फुलानी’ गुट को लक्ष्य किया गया है और यह गुट चरमपंथी एवं आतंकी संगठनों से संबंध रखनेवाला जाना जाता है|

रविवार के दिन मध्य माली के मोप्ती के तौर पर जाने जा रहे हिस्से के बिदी, संकोरो औड़ सरन इन गांवों में हमलें किए गए| कई गाडियों से पहुंचे हथियारी गुट ने इन गावों पर एक के पीछे एक हमला किया| पहला हमला सरन गांव पर हुआ और इसी हमलें में सबसे अधिक लोगों को लक्ष्य किया गया| सरन में हुए हमलें की जानकारी प्राप्त होते ही बिदी गांव के लोग जंगल एवं अन्य सुरक्षित जगह की दिशा में भाग गए| इस वजह से गुस्सा हुए हमलावरों ने पूरा गांव वहा पर मौजूद जानवरों के साथ जला दिया|

तीन गांवों में हुए इन हमलों के दौरान करीबन ३०० लोग लापता होने की जानकारी सामने आ रही है| इनमें से कई लोग गां से भागने पर विवश हुए होंगे, यह समझा जा रहा है| वही कुछ लोग आंग का शिकार हुए होंगे, यह डर भी व्यक्त किया जा रहा है| इस घटना के बाद निकट के एक गांव में भूसुरूंग का विस्फोट होने से करीबन १२ लोग मारे गए| मारे गए सभी लोग एक गाडी में संवार थे और उनकी गाडी विस्फोट की चपेट में आने की जानकारी स्थानिकों ने दी|

रविवार के दिन हुए हमलें ‘दोगॉन’ इस शिकारी वंश से जुडे गुट ने किए होंगे, यह दावा किया गया है| माली में पिछले कई दशकों से फुलानी और दोगॉन वंश में लगातार संघर्ष हो रहा है और पिछले कुछ वर्षों में इसकी तीव्रता और भी ज्यादा महसूस होने का दावा सूत्रों ने किया है|

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