माली के भीषण नरसंहार में १३४ ‘फुलानी’ वंशजों की बलि

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबमाको – माली में ‘दोगोन’ वंशियों ने किए भीषण नरसंहार में फुलानी वंशज के १३४ नागरिकों की जान गई हैं| मध्य माली के ‘मोप्ती’ विभाग में शनिवार को यह हमला होने का खुलासा होते हुए इस समय में हुआ यह सबसे बड़ा नरसंहार होने की जानकारी स्थानीय सूत्रों ने दी हैं| फुलानी वंशजों के ‘अल कायदा’ के साथ अन्य आतंकवादी संगठनों से संबंध होने के दावे किए जाते हुए शनिवार को हुआ नरसंहार जातीयता संघर्ष का हिस्सा होगा, ऐसा माना जाता हैं|

शनिवार के दिन भोर में माली के ‘मोप्ती’ प्रांत में ओगोसागु गांव को ‘दोगोन’ वंश के गुटों के हमलावरों ने घेर लिया| उसके पश्चात बंदूक तथा बड़ी छुरियों का इस्तेमाल करके गांव के घरों पर हमलें शुरू किये| हमलें शुरू होते ही गांव के घरों को आग लगाकर जलाया गया| इस भीषण नरसंहार में गांव के १३४ नागरिकों की जान जाने के साथ इस हमले में मारे गए सभी नागरिक ‘फुलानी’ वंश के होने का स्पष्ट हुआ है| नरसंहार में बलि जाने वालों में महिलाओं तथा बच्चों का भारी मात्रा में समावेश हैं|

संयुक्त राष्ट्रसंघ के अधिकारी माली यात्रा पर होते हुए यह भीषण नरसंहार का खुलासा होने से सनसनी पैदा हो रही हैं| संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ने माली सरकार को इस नरसंहार के बारे में जल्द से जल्द जांच करने के आदेश दिए हैं|

चार महीनों पहले ‘इंटरनॅशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राईटस्’ इस आंतरराष्ट्रीय गुट ने मध्य माली के बढ़ते हिंसाचार के विषय में तीव्र चिंता व्यक्त करनेवाला रिपोर्ट प्रस्तुत किया है| मध्य माली में होने वाले आतंकवादी हमलों का अनुपात बढ़ते हुए देश भर में होनेवाले हमलों में से ४० प्रतिशत आतंकवादी हमलें मध्य माली में होने का दावा किया है| पिछले दो सालों में आतंकवादी हमलें तथा जातीय संघर्ष में मध्य माली के १२०० नागरिकों की जान गई है और इस दौरान लगभग ५० गांव जलाए जाने की जानकारी रिपोर्ट में दी गई हैं|

माली में फ्रान्स के साथ यूरोपीय देश तथा अफ्रीकी देशों के सहयोग में व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू हैं| परंतु उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से ‘अल कायदा’ तथा ‘अन्सर अल-शरिया’ जैसे इस्लामी आतंकवादी संगठन फिर से सक्रिय होने का खुलासा हुआ हैं| पिछले सप्ताह में ही अल कायदा से संलग्न आतंकवादी संगठन ने माली के लष्कर पर किए हमलें में २३ सैनिकों की जान गई है|

शनिवार के दिन ‘दोगोन’ वंशज के लोगों ने किया हमला इस आतंकवादी हमलें को उत्तर होने की संभावना कुछ स्थानीय लोगों ने व्यक्त की हैं| ‘फुलानी’ वंशज के लोग इस्लामी आतंकवादी संगठनों के निकट होने वाले गुट के रूप में पहचाने जाते हैं| फुलानी वंशीय माली के साथ बुर्किना फासो, नायजीरिया तथा नायजर इन देशों में भी भारी मात्रा में रहते हैं| तो माली के स्थानीय गुट के रूप में पहचाने जाने वाले ‘दोगोन’ वंश के लोगों को माली के लष्कर का समर्थन होने का माना जाता हैं|

कुछ दिनों पहले, नायजीरिया के ‘कदूना’ प्रांत में ‘फुलानी’ कट्टरपंथियों ने किए हमले में १७० से अधिक ख्रिस्तीधर्मियों की जान जाने की भयानक खबर सामने आई थी|

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