लीबियन बागियों के राजधानी त्रिपोली पर हवाई हमलें

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरत्रिपोली: ‘जनरल खलिफा हफ्तार’ के नेतृत्व में लीबियन सरकार के विरोध में गए बागियों ने राजधानी त्रिपोली पर हवाई हमलें शुरू किए है| लीबियन सरकार और उनसे जुडे लष्करी गुट ने ‘घरयान’ इस अहम शहर पर कब्जा करने के बाद बागियों ने यह हमलें बढाए है| लडाकू विमान और ड्रोन के जरिए बागियों ने राजधानी त्रिपोली में कुछ अहम ठिकानों को लक्ष्य करना शुरू किया है, इससे जुडी खबरें सामने आ रही है| लीबियन बागियों की इन हवाई हमलों को अरब-खाडी देशों की सहायता प्राप्त हो रही है, यह आरोप लीबियन सरकार ने रखा है|

राजधानी त्रिपोली लीबियन सरकार के नियंत्रण से आजाद करने का ऐलान बागी नेता जनरल हफ्तार ने किया था| पिछले दो महीनों से हफ्तार के नेतृत्व में लीबियन बागियों ने सरकार के विरोध में संघर्ष जारी रखा है| पिछले महीने तक बागियों ने राजधानी त्रिपोली के काफी हिस्से पर कब्जा करके जल्द ही पूरा शहर लीबियन सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने का दावा किया था|

लेकिन, पिछले सप्ताह में लीबियन सरकार ने धारणात्मक नजरिए से अहम समझे जा रहे घरयान शहरपर कब्जा प्राप्त करने के बाद गुस्सा हो उठे जनरल हफ्तार ने त्रिपोली पर हवाई हमलें करने के आदेश जारी किए है| त्रिपोली को आजाद करने के लिए हवाई हमलों की तीव्रता बढाई जा रही है| इस वजह से स्थानिय लोग अपनी सुरक्षा के लिए घर से बाहर ना निकलें, यह आदेश बागियों ने जारी किए है| पिछले चौबिस घंटों में हुए हवाई हमलों में पाच लीबियन जवान मारे गए है|

सेना के एक बडे अड्डे पर बागियों ने हवाई हमलें किए है और त्रिपोली के एकमेव मिटिगा हवाईअड्डे को भी बागियों ने लक्ष्य किया है| लीबियन सरकार ने प्रसिद्ध की जानकारी के नुसार इन हवाई हमलों के लिए बागियों ने ‘एफ-१६’ लडाकू विमानों का इस्तेमाल किया| साथ ही इजिप्ट और संयुक्त अर अमीरात के विमान भी इस संघर्ष में उतरें है, यह दावा सरकारी सूत्रों ने किया है|

इससे पहले इजिप्ट और यूएई ने लीबिया के बागियों का समर्थन करके लष्करी सहायता की आपुर्ति करने का आरोप सरकार ने रखा था| बागियों को हथियार देकर लीबिया को अस्थिर करने के लिए सहायता कर रहे इजिप्ट और यूएई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे है, यह आरोप भी किया गया है|

वर्ष २०११ में लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की हुकूमत का तख्तापलट करने के बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ ने लीबिया में गठबंधन की सरकार बनाई थी| लेकिन, यह सरकार स्वीकार ने से इन्कार कर रहे जनरल हफ्तार ने पिछले कुछ वर्षों तक लीबिया में समांतर सरकार बनाई है| इस वजह से लीबिया में कडा लष्करी संघर्ष शुरू हुआ| ‘आईएस’ एवं ‘अलकायदा’ से जुडे आतंकी गुट भी इस देश में अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे है| ऐसे में अस्थिरता एवं आतंकवाद की वजह से हजारों लीबियन नागरिक पनाह पाने के लिए यूरोपिय देशों की ओर दौड लगा रहै है| इन शरणार्थियों के झुंड यूरोपियन देशों के लिए काफी बडी समस्या बनकर उभर रही है|

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