गडचिरोली की मुठभेड़ में २६ माओवादी ढेर

गडचिरोली – गडचिरोली के कोरची तहसील में स्थित कोटगुल के जंगल में १२ घंटे से अधिक समय तक जारी मुठभेड़ में सी-६० कमांडोंज् ने २६ माओवादियों को मार गिराया। पिछले ३ सालों में गडचिरोली के जंगल में हुआ यह सबसे बड़ा ऑपरेशन है। इस मुठभेड़ में माओवादियों का वरिष्ठ नेता मिलिंद तेलतुंबडे भी मारा गया होने की खबर है। ३ साल पहले गढ़चिरौली में दो अलग-अलग कार्रवाइयों में ४० माओवादियों को मार गिराया गया था।

गडचिरोलीमाओवादी कोटगुल के जंगल में इकट्ठा होने वाले हैं, ऐसी खबर सुरक्षाबलों को मिली थी। उसके बाद महाराष्ट्र पुलिस के, माओवादी विरोधी मुहिम के लिए तैयार किए गए सी-६० कमांडोज् ने इस जंगल में बड़ी खोज मुहिम हाथ में ली थी। इस समय जंगल के दुर्गम भाग में माओवादी और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई। १२ घंटे से अधिक समय यह मुठभेड़ जारी थी। शनिवार दोपहर तक ६ माओवादी इसमें मारे गए होने की बात सामने आई थी। इन माओवादियों के शव सुरक्षा बलों के हाथ लगे। लेकिन शाम तक और २६ माओवादियों के शव जंगल में मिले हैं। खोज मुहिम अभी भी जारी होकर, मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की संख्या बढ़ सकती है।

ये माओवादी बड़े घातपात की तैयारी में होने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए उन्हें कोटगुल के जंगल में विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा था, ऐसी ख़बर है। गडचिरोली में पिछले कुछ महीनों में माओवादियों की गतिविधियाँ बड़े पैमाने पर दिखाईं दीं हैं। इस कारण सुरक्षा बलों ने गडचिरोली में मुहिम तीव्र की है। सन २०१९ में १ मई के दिन माओवादियों ने गडचिरोली में सी-६० जवानों के दस्ते पर किए हमले में १५ जवान शहीद हुए थे। उसके बाद लगातार माओवादियों के विरोध में मुहिम अधिक तीव्रता से चलाई जा रही है।

शनिवार को मारे गए माओवादियों की पहचान कराने का काम जारी है। मारे गए इन माओवादियों में मिलिंद तेलतुंबडे इस माओवादी नेता का भी समावेश होने की खबरें आ रही हैं। तीन साल पहले महाराष्ट्र में हुए दंगे करवाने में भी मिलिंद तेलतुंबडे का हाथ था। उसपर युएपीए कानून के तहत १५ से अधिक अपराध दर्ज हैं। साथ ही, राष्ट्रीय जाँच संस्था (एनआयए) द्वारा भी मिलिंद तेलतुंबडे की खोज जारी थी।

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