गड़चिरोली में हुई कार्रवाई से माओवादियों को बड़ा झटका – महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगड़ के माओवादियों की हरकतों पर लगेगी लगाम

– गड़चिरोली के पुलिस अधिक्षक का दावा

नागपूर – ‘सी-६० कमांडो’ दल ने शनिवार के दिन गड़चिलोरी के कोरची के जंगलों में कार्रवाई करके २६ माओवादियों का मार गिराया। इस जंगल में अभी भी बड़ी सर्च मुहिम जारी है। इस कार्रवाई ने माओवादियों को बड़ा झटका दिया है। सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगड़ में भी माओवादियों की गतिविधियों पर इस कार्रवाई से लगाम लगेगी, ऐसा गड़चिरोली के पुलिस अधिक्षक अंकीत गोयल ने कहा है। साथ ही इस मुठभेड़ के स्थान पर १०० माओवादी थे, यह जानकारी भी उन्होंने साझा की।

गड़चिरोलीमहाराष्ट्र पुलिस के ‘सी-६० कमांडो’ दल के सैनिकों ने बीते तीन वर्षों के सबसे बड़े ऑपरेशन को शनिवार के दिन अंजाम दिया। इस दौरान २६ माओवादी मारे गए। इनमें छह महिला माओवादियों का भी समावेश है। मारे गए माओवादियों की शिनाख्त का काम जारी है। अभी दस माओवादियों की पहचान स्पष्ट नहीं हुई है, ऐसा पुलिस ने कहा। इस कार्रवाई में माओवादियों के दो कमांडर मारे जाने की बात स्पष्ट हुई है। इनमें मिलिंद तुलतुंबडे नामक मोस्ट वॉन्टेड माओवादि का भी समावेश है।

मिलिंद तेलतुंबडे पर गंभीर आरोप दर्ज़ हैं। आतंकवाद के मामले की जाँच कर रही ‘एनआयए’ भी तेलतुंबड़े की तलाश में थी। तेलतुंबडे ‘अर्बन नक्षल’ और जंगलों में कार्रवाईयां करनेवाले माओवादियों के संपर्क का बड़ा माध्यम था। साथ ही माओवादि संगठन में युवाओं की भरती का काम भी उसे दिया गया था। तीन वर्ष पहले महाराष्ट्र में हुए दंगे और १ मई २०१९ के दिन ‘सी-६० कमांडो’ की बस पर हुए हमले के पीछे भी तेलतुंबड़े का हाथ था। इस हमले में १६ सैनिक शहीद हुए थे। ‘एनआयए’ की जानकारी के अनुसार कॉम्रेड एम.दीपक, सह्याद्री जैसे अलग अलग नामों से तेलतुंबड़े की नक्षलियों में पहचान थी।

मिलिंद तेलतुंबड़े महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगड़ (एमएमसी) विभाग के माओवादियों का प्रमुख था। ५० लाख रुपयों के इनामी माओवादी कमांडर रहा तेलतुंबड़े फिलहाल महाराष्ट्र में माओवादी संगठन का एकमात्र नेता बचा था। इस वजह से इसका मारा जाना महाराष्ट्र के माओवादियों के लिए बड़ा झटका है। लेकिन, साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगड़ में भी माओवादियों की गतिविधियों पर तेलतुंबड़े के मारे जाने से लगाम लगेगी, यह दावा किया जा रहा है।

कुछ दिन पहले ही पुलिस ने एक माओवादी को गिरफ्तार किया था। उसकी पूछताछ से यह जानकारी मिली थी कि, तकरीबन ३०० माओवादियों का ‘एमएमसी’ में जमावड़ा होगा। इस जानकारी के आधार पर शनिवार के दिन यह ऑपरेशन किया गया, यह जानकारी पुलिस अधिक्षक अंकीत गोयल ने प्रदान की।

इस ऑपरेशन में ‘सी-६० कमांडो’ के पांच दल अर्थात ३०० सैनिक शामिल थे। साथ ही यह मुठभेड़ मार्दीनटोला जंगल के जिस हिस्से में हुई वहां पर कम से कम १०० माओवादी उपस्थित थे, यह भी गोयल ने कहा। वहां पर बिखरा सामान, बरामद हुए हथियारों से यह अनुमान लगाया गया है। अन्य माओवादी भागने में सफल हुए। उनकी तलाश जारी है। तकरीबन १० घंटे तक यह मुठभेड़ चली। दोनों ओर से काफी गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के स्थान से २९ हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें एके-४७ रायफल्स, एसएलआर रायफल, अंडर बैरल ग्रेनेड लौन्चर (यूबीजीएल) जैसे हथियारों का समावेश है।

इसी बीच, गड़चिरोली के माओवादी कार्रवाईयों को अंजाम देने के लिए अन्य राज्यों से यहां पर माओवादियों को लाया जा रहा है। क्योंकि, स्थानीय युवा माओवादी संगठन में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हैं। इस वजह से अन्य राज्यों में भरती करके माओवादियों को यहां पर लाया जा रहा था। शनिवार के दिन मारे गए अधिकांश माओवादी छत्तीसगड़ के मूल निवासी थे। फिर भी वे महाराष्ट्र में कार्यरत थे, इस ओर पुलिस अधिक्षक गोयल ने ध्यान आकर्षित किया।

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