दुनिया भर में हाहाकार मचानेवाली कोरोना महामारी की शुरुआत चीन में से ही हुई – ‘डब्ल्यूएचओ’ पथक के ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिकों की जानकारी

बीजिंग – पिछले साल दुनिया भर में फैली और अभी तक हाहाकार मचा रही कोरोना महामारी की शुरुआत चीन में से ही हुई और उसके प्रसार के लिए वुहान का जानवरों का मार्केट ही कारण हुआ, ऐसी जानकारी ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (डब्ल्यूएचओ) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने दी। ‘डब्ल्यूएचओ’ का पथक पिछले महीने में कोरोना महामारी के बारे में तहकिक़ात करने के लिए चीन में दाखिल हुआ था। इस पथक का भाग होने वाले ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिक प्राध्यापक डॉमनिक ड्वायर ने, कोरोना का उद्गम और प्रसार चीन में से ही हुआ होने की जानकारी दी। उसी समय, पथक के प्रमुख होने वाले पीटर एम्बारेक ने चीनी अधिकारियों समेत संबोधित की हुई संयुक्त पत्रकार परिषद में यह दावा किया है कि इस महामारी का पुख्ता उद्गम को निश्चित रूप से बताना मुश्किल है।

दुनिया भर के प्रमुख वैज्ञानिक, संशोधन संस्थाएँ, रिसर्च जर्नल्स तथा अभ्यासगुटों ने बार-बार स्पष्ट किया है कि कोरोना की महामारी का उद्गम चीन में से ही हुआ है। लेकिन चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत इस वास्तव को लगातार न कर रही है। पिछले साल भर में चीन की यंत्रणाओं ने चार से पांच अलग-अलग देशों तथा स्रोतों से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई, ऐसे और वास्तविक दावे किए थे। लेकिन उसके बारे में पुख्ता जानकारी तथा सबूत भी नहीं दिए हैं । इस कारण ‘डब्ल्यूएचओ’ का पिछले महीने में हुआ चीन दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा था।

corona-origin-chinaपिछले साल की शुरुआत में कोरोना की महामारी फैलना शुरू होने के बाद दुनिया भर के प्रमुख देशों ने यह मांग की थी कि चीन में शीघ्र ही पथक भेजकर तहकिक़ात की जाए। लेकिन चीन ने, कोरोना की शुरुआत चीन में हुई ही नहीं, ऐसा बताकर तहकिक़ात के लिए अनुमति देने से इन्कार किया था। आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने दबाव बढ़ाने के बाद ‘डब्ल्यूएचओ’ को मजबूरन आन्तर्राष्ट्रीय जांच का प्रस्ताव मानना पड़ा था। उसकी अवधि तथा व्याप्ति तय करने में भी बहुत वक्त जाया किया गया और जनवरी महीने में ‘डब्ल्यूएचओ’ का पथक चीन में दाखिल हुआ। दाखिल होने पर भी, इस पथक के कुछ लोगों को वापस भेजा गया और अन्य लोगों पर ‘क्वारंटाईन’ होने की सख़्ती बरती गई।

इस सारी पृष्ठभूमि पर, ‘डब्ल्यूएचओ’ किन इलाकों का दौरा करता है और क्या रिपोर्ट देता है इसपर कईयों की नजर थी। चीन की हुकूमत ने आर्थिक और राजनीतिक दबाव डालकर ‘डब्ल्यूएचओ’ का नियंत्रण अपने हाथों में लिया होने के आरोप पिछले दो सालों से किये जा रहे थे। मंगलवार को कोरोना के संदर्भ में जारी की रिपोर्ट से फिर एक बार इसकी पुष्टि हुई। ‘डब्ल्यूएचओ’ पथक और चीन इनकी संयुक्त पत्रकार परिषद में यह बताया गया कि कोरोना वायरस का उद्गम पुख्ता कहां से है और मानवी संसर्ग कैसे शुरू हुआ इसके बारे में ठोस निष्कर्ष नहीं मिले हैं। उस संदर्भ में चार अलग-अलग संभावना हैं , ऐसा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ के पथक द्वारा बताया गया। लेकिन उनमें से ‘वुहान लैब में से वायरस का प्रसार हुआ होगा’ यह संभावना ‘डब्ल्यूएचओ’ ही खारिज कर रहा होने का दावा पथक के प्रमुख पीटर एम्बारेक ने किया।

पीटर एम्बारेक के दावों पर पथक के एक प्रमुख वैज्ञानिक प्राध्यापक डॉमनिक ड्वायर ने अचरज जाहिर किया। उसी समय, कोरोना वायरस का उद्गम चीन में से ही हुआ होकर, वुहान के ‘सीफूड मार्केट’ में से ही उसका संक्रमण फैला हुआ है, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया। कोरोना वायरस से संबंधित अन्य महामारियो में ‘चमगादड़’ यह समान सूत्र था और नए वायरस के पीछे भी वही मूल होने की संभावना सर्वाधिक है, ऐसा प्राध्यापक डॉमनिक ड्वायर ने कहा। इससे पहले आये ‘मर्स’ तथा ‘सार्स’ जैसे संक्रमण में चमगादड़ से मानवी संसर्ग फैला दिखाई दिया था, इस पर भी उन्होंने गौर फरमाया। उसी समय, चीन ने कोरोना की महामारी की जानकारी दुनिया को देने से कई दिन पहले ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिक ने किया। प्राध्यापक डॉमनिक ड्वायर ये दुनिया के अग्रसर ‘मायक्रोबायोलॉजिस्ट’ एवं ‘इन्फेक्शिअस डिसिज एक्सपर्ट’ होने के कारण उनका बयान गौरतलब साबित होता है।

ब्रिटन के स्वास्थ्य क्षेत्र के अग्रसर पत्रकार जॉन नैश ने, ‘डब्ल्यूएचओ’ की रिपोर्ट की कड़ी आलोचना की है। कोरोना वुहान लैब से फैला नहीं है, यह बताने वाला ‘डब्ल्यूएचओ’, चीन ने पैदा की हुई इस अफरातफरी का, चीन की ही थूक चाटनेवाला गवाह है, ऐसी फटकार नैश नहीं लगाई। ‘डब्ल्यूएचओ’ के मुँह से कोरोना के बारे में बताईं गईं संभावनाएँ तानाशाहों द्वारा इस्तेमाल की जानेवाली पुरानी तरकीब का भाग होने की आलोचना भी इन ब्रिटीश पत्रकार ने की।

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