लुकाशेन्को को बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे – अमरीका और यूरोपिय महासंघ का इशारा

मिन्स्क – बेलारूस में हुए चुनाव में अवैध मार्ग से चुने गए ऐलग्ज़ैन्डर लुकाशेन्को को बतौर राष्ट्राध्यक्ष स्वीकार नहीं करेंगे, ऐसा इशारा अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने दिया हैं। लुकाशेन्को ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान अपना शपथग्रहण समारोह करने की बात भी सामने आयी थी। इस पर अमरीका और यूरोप से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और लुकाशेन्को की हरकत बेलारूस की जनता का विश्‍वासघात करनेवाली है, यह आरोप भी किया गया है। इस पृष्ठभूमि पर रशिया और बेलारूस ने स्लाविक ब्रदरहुड़ नाम से लष्करी युद्धाभ्यास शुर किया है और रशिया ने अपने ‘पैराट्रुपसर्स’ को उतारा होने की जानकारी सामने आयी है।

Belarus-US-EU९ अगस्त के दिन बेलारूस में राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए थे। बीते २६ वर्षों से बेलारूस का नेतृत्व कर रहे लुकाशेन्को ने इस चुनाव में ८० प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त होने का दावा किया था। उनके प्रतिद्वंद्वी स्वेतलाना तिखानोवस्काया को १० प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त होने की बात कही जा रही है। लेकिन, इस चुनाव में बड़ी मात्रा में गड़बड़ी होने का आरोप सियासी दल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय कर रहे हैं और लुकाशेन्को के खिलाफ़ व्यापक प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। डेढ़ महीने से अधिक समय से चल रहे इन प्रदर्शनों को अमरीका के साथ यूरोपिय देशों ने भी समर्थन दिया है। शुरू में इन प्रदर्शनों का विरोध ना करनेवाली रशियन हुकूमत ने बीते कुछ दिनों में अपनी भूमिका अधिक आक्रामक की है। अमरीका और यूरोपिय देश इन प्रदर्शनों में दखलअंदाज़ी ना करे, यह इशारा भी रशिया ने दिया है।

रशिया का समर्थन प्राप्त करने में कामयाब हुए लुकाशेन्को ने विरोध कुचलने के लिए जोरदार गतिविधियां भी शुरू की हैं। बुधवार के दिन यकायक हुआ शपथग्रहण इसी आक्रामकता का हिस्सा होने की बात समझी जा रही है। संकट के दिनों में हम बेलारूस की जनता को बेसहारा नहीं छोड़ सकते, यह दावा करके लुकाशेन्को ने बुधवार के दिन किए गए शपथग्रहण समारोह का समर्थान किया है। लेकिन, इस पर बेलारूस के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तीव्र प्रतिक्रिया उमडी है। बेलारूस के कई शहरों में दुबारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं और सुरक्षा बल एवं प्रदर्शनकारियों के बीच हुई मुठभेड़ में हिंसा की जानकारी सामने आयी है।

Belarus-US-EUअमरीका और यूरोपिय देशों ने लुकाशेन्को को राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर स्वीकारने से स्पष्ट इन्कार किया है। अमरीका लुकाशेन्को को बेलारूस के अधिकृत नेता के तौर पर मंजूरी नहीं देगी। चर्चा के माध्यम से एवं खुले माहौल में बेलारूस की जनता को अपने नेता का चयन करने का अधिकार प्राप्त होना ही उचित रास्ता है, इन शब्दों में अमरिकी विदेश विभाग ने लुकाशेन्को को फटकार लगाई है। बुधवार के दिन हुआ कथित शपथग्रहण समारोह और किए गए बहुमत के दावे को जनतंत्र के नज़रिए से कोई भी आधार ना होने का दावा यूरोपिय महासंघ ने किया। लुकाशेन्को ने बेलारूस की जनता का विश्‍वासघात किया है और इसी कारण बेलारूस में सियासी संकट अधिक तीव्र होगा, यह इशारा भी महासंघ ने दिया। बेलारूस को प्रदान की जा रही आर्थिक सहायता पूरी तरह से बंद की जाएगी, यह इशारा भी इस दौरान दिया गया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेलारूस पर दबाव बढ़ रहा है तभी रशिया ने फिर एक बार हम लुकाशेन्को के साथ होने के संकेत दिए हैं। रशिया और बेलारूस के बीच स्लाविक ब्रदरहुड नामक संयुक्त लष्करी युद्धाभ्यास शुरू हुआ है। इस युद्धाभ्यास में रशिया के ९०० से अधिक सैनिक शामिल हुए है। इस युद्धाभ्यास के बीच रशिया ने अपने ‘पैराट्रुपर्स’ को उतारा है और लष्करी गाड़ियां एवं हेलिकॉप्टर्स की तैनाती करने की बात भी कही जा रही है। रशिय के ‘टीयू-१६० बॉम्बर्स’ विमानों ने परमाणु हथियारों के साथ बेलारूस की सीमा में उड़ान भरने की जानकारी बेलारूस के सरकारी माध्यमों ने प्रदान की है। लष्करी युद्धाभ्यास के दौरान रशियन बॉम्बर्स का ऐसे शामिल होना ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है।

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