जागतिक स्वास्थ्य संगठन चीनपरस्त होने का जापान का आरोप

टोकिओ, दि ०२ (वृत्तसंस्था ) – “दुनिया से कोरोनावायरस के लक्षण छिपानेवाले चीन के संदर्भ में नर्म रवैया अपनाकर कम्युनिस्ट शासन का समर्थन करनेवाले ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (डब्ल्यूएचओ) का नाम बदलकर ‘चायना हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (सीएचओ) रखना चाहिए”, ऐसी तीखी टिप्पणी जापान के उपप्रधानमंत्री तारो आसो ने की। उसीके साथ ‘डब्ल्यूएचओ’ के अध्यक्ष चीनपरस्त रवैया अपना रहे होने का आक्षेप जापान के उपप्रधानमंत्री ने यह आलोचना की है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी ‘डब्ल्यूएचओ’ चीन की तरफ़ से पक्षपात कर रहा होने के आरोप किये थे।

दो दिन पहले जापान की संसद को संबोधित करते हुए, उपप्रधानमंत्री तारो आसो ने, ‘डब्ल्यूएचओ’ चीन के हाथ का खिलौनाबना होने की आलोचना की। “कुछ साल पहले इस संगठन की प्रमुख चिनीवंशीय थीं। तब यह संगठन चीनपरस्त निर्णय ले रहा होने के आरोप दुनियाभर से किये जा रहे थे। लेकिन ‘डब्ल्यूएचओ’ के विद्यमान अध्यक्ष भी उनसे अलग नहीं हैं”, ऐसा आरोप आसो ने किया। इसके लिए ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख के ख़िलाफ़ जारी होनेवाली ऑनलाईन मुहिम की मिसाल उपप्रधानमंत्री ने दी।

दुनियाभर से तीन से पाँच लाख लोगों ने, ‘डब्ल्यूएचओ’ की पुनर्रचना की जायें, ऐसा ऑनलाईन मुहिम में सूचित किया है। कुछ लोगों ने तो, इस संगठन के प्रमुख चीन के इशारों पर काम कर रहे होने का दोषारोपण किया, इसकी जानकारी उपप्रधानमंत्री आसो ने संसद में दी। इस कारण ‘डब्ल्यूएचओ’ का नाम बदलकर ‘सीएचओ’ यानी ‘चायना हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ किया जायें। दुनियाभर की जनता की भी यही माँग है, ऐसा आसो ने कहा।

“चीन में संक्रमित हुए कोरोनावायरस की असली जानकारी यदि छिपायी नहीं होती, तो आज दुनिया के हर देश ने इस संक्रमण की ओर अधिक गंभीरता से देखते हुए आवश्यक एहतियाद बरते होतें। लेकिन उसके बजाय ‘डब्ल्यूएचओ’ ने चीन की सूचनाओं का पालन करके दुनिया को संकट की खाई में धकेल दिया है”, ऐसा भेदक हमला आसो ने किया। इससे पहले भी, ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख ‘टेड्रॉस घेब्रेस्यूएस’ के चीन के साथ ख़ुफ़िया व्यवहार होने का आरोप हुआ था। अमरीका के सिनेटर्स ने भी ‘डब्ल्यूएचओ’ तथा इस संगठन के प्रमुख घेब्रेस्यूएस की आलोचना की है।

चीन के बचाव के लिए कोरोनावायरस के बारे में झूठी जानकारी देकर दुनियाभर की जनता को संकट में धकेलनेवाले ‘डब्ल्यूएचओ’ की तहकिक़ात की जायें और इस संगठन के अधिकारियों पर कार्रवाई की जायें, ऐसी माँग अमरिकी लोकप्रतिनिधि रिक स्कॉट ने की। उसीके साथ, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की मुहिम चलानेवाले ‘डब्ल्यूएचओ’ पर क्या इसके आगे अमरिकी करदाताओं का पैसा खर्च करना है, ऐसा सवाल भी स्कॉट ने किया। महीने भर पहले स्कॉट ने, चीन ने कोरोनावायरस के बारे में दी जानकारी पर भरोसा नहीं कर सकते, ऐसा कहा था।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी ‘डब्ल्यूएचओ’ चीन की तरफ़ से पक्षपात कर रहा है, ऐसा कहा था। यह बाब खुलेआम दिखायी दे रही होकर, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा कहकर ट्रम्प ने ‘डब्ल्यूएचओ’ को फटकार लगायी थी। इससे जल्द ही अमरीका, चीनपरस्त भूमिका अपनानेवाले ‘डब्ल्युएचओ’ को लक्ष्य बनाने के संकेत मिले थे। उसे अब जापान का भी साथ मिलता हुआ दिखायी दे रहा है।

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