कोरोनावायरस’ की वजह से दुनिया भयंकर आर्थिक संकट की खाई में – आयएमएफ’ प्रमुख

वॉशिंग्टन, दि. २८ (वृत्तसंस्था) – कोरोनावायरस की वजह से दुनिया के सामने सन 2008 की आर्थिक मंदी से भी भयंकर आर्थिक मंदी का संकट आ खड़ा है। इसमें से सँवरने के लिए कम से कम ढ़ाई लाख करोड़ डॉलर्स की आवश्यकता है। उसका प्रावधान हुआ, तो ही सन 2021 तक दुनिया इस संकट से कम से कम कुछ हद तक बाहर निकलेगी, ऐसी चेतावनी आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश (आयएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने दी है।

‘कोरोनावायरस’ का संकट दुनिया को मंदी की आपत्ति में ले आया है। इस संक्रमण ने जागतिक अर्थव्यवस्था को पीछे धकेल दिया है। आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो चुकी हैं। आनेवाले समय में इसके अधिक भयंकर परिणाम सामने आ सकते हैं, इसका भी एहसास ‘आयएमएफ’ प्रमुख जॉर्जीवा ने करा दिया।

इस संकट के कारण कंपनियों का दीवाला पीट जाने की संभावना है। इस कारण नौकरियाँ भी कम होतीं जाने का ख़तरा है। सामाजिक रचना बिखर जाने का डर है। इस स्थिति से बचने के लिए ही कई देशों ने स्वास्थ्य सेवा सुधारने की तथा अर्थव्यवस्था सँवारने की उपाययोजनाएँ हाथ में लीं हैं, ऐसा ‘आयएमएफ’ प्रमुख ने अधोरेखित किया।

सन २०२१ में दुनिया इस मंदी से थोड़ीबहुत सँभल जाने का अंदाज़ा किया जा सकता है। लेकिन ‘कोरोनावायरस’ का यह संकट क़ाबू में आया, तो ही यह संभव है, ऐसा जॉर्जीवा ने कहा। साथ ही, जागतिक अर्थव्यवस्था कुछ हद तक सँवरने के लिए कम से कम ढ़ाई लाख करोड़ डॉलर की आवश्यकता है। दुनिया के ८० देशों ने निधि की माँग की है, इसपर जॉर्जीवा ने ग़ौर फ़रमाया।

कोरोनावायरस का संक्रमण आने पर अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दो लाख करोड़ डॉलर्स से भी अधिक रक़म के पॅकेज की घोषणा की थी। आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश की प्रमुख ने उसका स्वागत किया। अर्थव्यवस्था सँवारने के लिए ऐसे ही उपायों की आवश्यकता है, ऐसा उन्होंने कहा है।

कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते दुनिया के प्रमुख देशों में लॉकडाऊन की घोषणा कर दी गयी है। जनता के लिए घर से बाहर निकलना संभव ना होने के कारण अर्थव्यवहार ठप हुआ है। इससे कई लोगों का रोज़गार ख़तरे में आया है। इस पार्श्वभूमि पर आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश की प्रमुख जॉर्जीवा ने दी हुई यह आर्थिक संकट की चेतावनी सारी दुनिया को गंभीर परिणामों का एहसास करा दे रही है।

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