अमरीका का ‘यूएसएस निमित्ज़’ पर्शियन खाड़ी में तैनात

वॉशिंग्टन/तेहरान – अमरीका ने ‘न्युक्लियर सुपरकैरिअर’ के तौर पर जाना जा रहा अपना विमानवाहक युद्धपोत ‘यूएसएस निमित्ज़’ पर्शियन खाड़ी मे तैनात किया है। शुक्रवार के दिन ईरान में वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक की हत्या होने के बाद हुई यह तैनाती ग़ौरतलब साबित होती है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प, ईरान के सबसे अहम नातांज़ परमाणु केंद्र पर हवाई हमलें करने का गंभीरता से विचार कर रहे हैं, यह वृत्त कुछ दिन पहले ही प्रकाशित हुआ था। इसके बाद अमरीका के परमाणु वाहक ‘बी-५२ एच बॉम्बर’ विमान भी खाड़ी क्षेत्र मे दाखिल हुए थे। अब इसके बाद ‘यूएसएस निमित्ज़’ की पर्शियन खाड़ी में हुई तैनाती की वजह से वहाँ का माहौल अधिक विस्फोटक हुआ है।

अमरिकी नौसेना के बहरीन स्थित ‘फिफ्थ फ्लीट’ ने ‘यूएसएस निमित्ज़’ की तैनाती की जानकारी साझा की। ‘निमित्ज़ कैरिअर स्ट्राईक ग्रुप’ की पर्शियन खाड़ी में तैनाती करने के पीछे, कुछ विशेष खतरा होने के संकेत नहीं हैं। इस तैनाती से यह बात स्पष्ट दिखती है कि अमरीका सभी तरह के खतरों का कामयाबी के साथ मुकाबला करने की उचित क्षमता रखती है। इराक और अफ़गानिस्तान में तैनात अपनी सेना अमरीका पीछे हटा रही है। इसमें शत्रु देशों का अड़ंगा ना हों, इसलिए यह तैनाती की जा रही है’, यह बयान ‘फिफ्थ फ्लीट’ की प्रवक्ता कमांडर रिबेका रेबॅरिच ने किया है।

इससे पहले, मौजूदा वर्ष के शुरू में अमरीका ने ईरान के वरिष्ठ कमांडर कासेम सुलेमानी को लक्ष्य किया था। सुलेमानी पर हुई कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने खाड़ी क्षेत्र में अपनी तैनाती में काफी बढ़ोतरी की थी। अब यही बात दोहराती हुई दिख रही है। लेकिन अमरीका के लष्करी सूत्रों ने, पर्शियन खाड़ी में हुई मौजूदा तैनाती और ईरानी परमाणु वैज्ञानिक की हत्या का संबंध ना होने का दावा किया है।

ईरान ने अपने परमाणु केंद्रों में निर्धारित मर्यादा से १२ गुना अधिक युरेनियम संवर्धन किया हैं, यह रिपोर्ट हाल ही में सामने आयी हैं। ईरान ने बीते कुछ महीनों में, खाड़ी क्षेत्र के देशों के खिलाफ धमकियाँ देने का स्वर अधिक तीव्र किया है। इसी बीच, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल खत्म होने के लिए दो महीनों से भी कम अवधि शेष बचा है। इस पृष्ठभूमि पर गौर करें, तो राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और इस्रायल तेज़ी से ईरान के खिलाफ लष्करी मुहिम शुरू करने के लिए कदम उठा सकते हैं। अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने हाल ही में खाड़ी क्षेत्र के देशों का भी दौरा किया था।

इस वजह से बॉम्बर्स की तैनाती और इसके बाद अब ‘न्युक्लियर सुपरकैरिअर यूएसएस निमित्ज़’ पर्शियन खाड़ी में दाखिल होना, अमरीका की एक बड़ी रणनीतिक चाल हो सकती हैं, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं। ‘यूएसएस निमित्ज़’ विश्‍व में सबसे बड़े विमान वाहक युद्धपोतों में से एक है और इसपर पाँच हज़ार से भी अधिक सैनिक और ८० से भी अधिक विमानों की तैनाती है। ईरान पर हमला करने का अमरीका का प्लैन, खाड़ी क्षेत्र में व्यापक युद्ध को आमंत्रित करनेवाला होगा, यह चेतावनी कुछ दिन पहले ही ईरान के सर्वोच्च नेता के लष्करी सलाहकार हुसेन देहघान ने दिया था।

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