अमरीका का स्पेस फोर्स ‘डायरेक्टेड एनर्जी’ पर काम कर रहा है – स्पेस फोर्स के प्रमुख जनरल जे रेमंड

वॉशिंग्टन – अंतरिक्ष में अमरीका और मित्र देशों के हितसंबंध सुरक्षित नहीं रहे हैं। चीन अंतरिक्ष का लष्करीकरण करके अमरीका की जगह लेने की कोशिश कर रहा है, ऐसी चेतावनी कुछ हफ्ते पहले अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ ने दी थी। अंतरिक्ष में बन रही चीन की इस लष्करी चुनौती का जवाब देने के लिए अमरीका ने भी कदम उठाए हैं। अंतरिक्ष में होनेवाले अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए और इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व बरकरार रखने के लिए अमरीका का स्पेस फोर्स ‘डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टिम’ पर काम कर रहा होने की जानकारी स्पेस फोर्स के प्रमुख जनरल जे रेमंड ने दी।

us-space-force-directed-energy-1सन २०४५ तक अंतरिक्ष क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने का लक्ष्य चीन ने अपने सामने रखा होने की खबरें कुछ दिन पहले जारी हुई थी। चीन ने ‘तियान्हे’ इस स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए अंतरिक्ष यात्री रवाना करके उस दिशा में कदम उठाने का दावा किया जाता है। चीन की महत्वाकांक्षा, अंतरिक्ष में होनेवाले अमरीका के हितसंबंधों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, ऐसी चेतावनी दी जा रही है। अमरीका की अंतरिक्ष संस्था ‘नासा’ ने अमरिकी संसद के सामने इस बारे में चिंता जाहिर की। साथ ही, अंतरिक्ष में अमरीका का महत्व बरकरार रखने के लिए बड़े आर्थिक प्रावधान की आवश्यकता होने की माँग भी नासा ने सामने रखी है।

अमरीका के स्पेस फोर्स ऑपरेशन्स के प्रमुख जनरल जे रेमंड ने सिनेट समिति के सामने बात करते समय, अंतरिक्ष में वर्चस्व बरकरार रखने के लिए जारी प्रयासों की जानकारी दी। इसमें डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टिम का इस्तेमाल बचावात्मक कार्रवाई के लिए किया जाएगा, ऐसा जनरल रेमंड ने स्पष्ट किया। ‘अंतरिक्ष स्थित उपग्रहों से मिलनेवाली जानकारी पर अमरीका बड़े पैमाने पर निर्भर है और उनकी सुरक्षा करना हमारी ज़िम्मेदारी है’, ऐसा भरोसा स्पेस फोर्स के प्रमुख ने ज़ाहिर किया। जनरल रेमंड ने डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टिम के बारे में अहम जानकारी सिनेट समिति के सामने दी होने का दावा किया जाता है।

us-space-force-directed-energy-2लेकिन स्पेस फोर्स के प्रवक्ता ने भी इस बारे में अधिक विवरण माध्यमों में सार्वजनिक करना टाला। ‘चीन और रशिया के पास अमरीका के उपग्रहों का नुकसान करने के लिए अथवा नष्ट करने के लिए डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टिम है। इस खतरे के ख़िलाफ अमरीका भी अपनी तैयारी कर रही है’, ऐसा स्पेस फोर्स के प्रवक्ता ने माध्यमों से बात करते समय कहा। इससे पहले अमरीका की ‘मिसाईल डिफेन्स एजन्सी’ ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक क्षेपणास्त्रों के विरोध में लेज़र का इस्तेमाल करने के संदर्भ में संशोधन करने की बात घोषित की थी।

लगभग दो महीने पहले अमरीका के गुप्तचर विभाग ‘सीआयए’ ने भी चीन की डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टिम के संदर्भ में चेतावनी जारी की थी। चीन ने उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र और लेज़र्स का परीक्षण किया था, इसकी याद सीआयए के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने करा दी। चीन लेज़र्स की सहायता से अमरिकी उपग्रहों के ऑप्टिकल सेंसर्स नाकाम अथवा नष्ट कर सकता है, ऐसा दावा बर्न्स ने किया था। अंतरिक्ष में होनेवाले अमरीका के प्रभाव को नष्ट करने के लिए चीन की ये कोशिशें जारी होकर, अमरीका इस संदर्भ में सामरिक कदम उठाएँ, ऐसा उन्होंने जताया था।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने भी पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की स्पेस फोर्स विषयक नीति में बदलाव किया जानेवाला नहीं है, यह स्पष्ट किया था।

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