हॉंगकॉंगस्थित ‘ऍपल डेलि’ पर हुई कार्रवाई की अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने की आलोचना

hongkong-apple-daily-1हॉंगकॉंग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने हॉंगकॉंगस्थित दैनिक ‘ऍपल डेलि’ पर की कार्यवाही पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। ‘नॅशनल सिक्युरिटी लॉ’ का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि विरोधियों की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है यह साबित हुआ है, ऐसी तीखी आलोचना ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने की। अमरीका, युरोपिय महासंघ तथा तैवान ने भी ‘ऍपल डेलि’ पर मारे छापे पर चिंता जाहिर की है। ताइवान के एक सांसद ने कहा है कि यह कार्रवाई ‘रेड टेरर’ का भाग है।

गुरुवार को हॉंगकॉंग के लगभग ५०० पुलिसों ने सुबह ‘ऍपल डेलि’ इस अखबार के कार्यालय पर छापा मारा। ‘ऍपल डेलि’ यह हॉंगकॉंग स्थित उद्योजक जिम्मी लाय की मालिकियत का अखबार है। जिम्मी लाय यह चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के कड़े विरोधक के रूप में जाने जाते हैं। कुछ महीने पहले उन्हें लोकतंत्र वादी आंदोलन में सहभाग लेने के आरोप पर गिरफ्तार किया गया होकर जेल में रवाना किया गया है। ‘ऍपल डेलि’ यह अखबार हॉंगकॉंग का शीर्ष लोकतंत्रवादी अखबार है।

hongkong-apple-daily-2चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने पिछले साल जबरदस्ती से थोपे हुए ‘नॅशनल सिक्युरिटी लॉ’ का इस्तेमाल करके ‘ऍपल डेलि’ को लक्ष्य किया। गुरुवार को की कार्यवाही में पुलिस ने अखबार की जिम्मेदारी होने वाले पांच लोगों को हिरासत में लिया होकर कामा उसमें संपादक रायन लॉ और उनके सहकर्मी चॅन पुई-मॅन का समावेश है। कार्यवाही के दौरान मुख्यालय में होनेवाले ३८ कॉम्प्युटर को कब्ज़े में लिया गया है। ‘ऍपल डेलि’ से संबंधित तीन कंपनियों की २३ लाख डॉलर्स की मालमत्ता फ्रीज़ की गई होने की भी जानकारी हॉंगकॉंग पुलिस ने दी।

‘ऍपल डेलि’ द्वारा खबरें और लेखों का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा निर्माण करने के लिए किया जा रहा था, ऐसा आरोप हॉंगकॉंग प्रशासन द्वारा किया गया है। खबरें और संबंधित जानकारी के माध्यम से अन्य देशों को हॉंगकॉंग तथा चीन के विरोध में प्रतिबंध लगाने के लिए उकसाया जा रहा था, ऐसा भी दावा प्रशासन ने किया है।

hongkong-apple-daily-3-400x200अमरीका समेत ब्रिटेन, युरोपीय महासंघ और तैवान ने ‘ऍपल डेलि’ पर की गई कार्रवाई की आलोचना की है। ‘ऍपल डेलि पर मारा गया छापा तथा अन्य कार्रवाई यही साबित कर रही है कि चीन की हुकूमत नॅशनल सिक्युरिटी लॉ का इस्तेमाल विरोधकों की आवाज़ दबाने के लिए कर रही है। ब्रिटेन के साथ जारी किए संयुक्त निवेदन में माध्यमों की स्वतंत्रता बरकरार रखने का यकीन दिलाया गया था और उसका सम्मान करना आवश्यक है’, ऐसा ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने जताया।

अमरीका के विदेश विभाग ने भी इसपर गंभीर चिंता ज़ाहिर की होकर, यह कार्रवाई और उसके पीछे का हेतु राजनीतिक दिखाई देता है, ऐसा आरोप किया है। युरोपीय महासंघ ने भी इस संदर्भ में निवेदन जारी करके, ‘नॅशनल सिक्युरिटी लॉ’ का गैरइस्तेमाल हो रहा है, ऐसा दावा किया।

ताइवान ने भी हॉंगकॉंग में हुई कार्रवाई के विरोध में नाराज़गी ज़ाहिर की है। एकाधिकारशाही चलानेवाली हुकूमत ने ‘ऍपल डेलि’ के विरोध में युद्ध छेड़ा होकर, हाँगकाँग में स्वतंत्रता का प्रतीक अब खतरे में पड़ गया है, ऐसी आलोचना ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने की। ताइवान के सांसद शिऊ सिअन-चि ने यह दोषारोपण किया है कि चीन की कार्रवाई यानी ‘रेड टेरर’ यानी कम्युनिस्ट हुकूमत का आतंकवाद है।

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