अमरीका जल्द ही इराक से वापसी करेगी – राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

वॉशिंग्टन – अमरिकी सेना जल्द ही इराक से वापसी करेगी, यह वादा राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया है। लेकिन, इस वापसी का निश्चित समय घोषित करने से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने टाल दिया है। इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधेमी अमरीका का दौरा कर रहे हैं और इस दौरान उनसे हुई भेंट में ट्रम्प ने यह ऐलान किया। इराक में अमरीका के कम से कम ५,००० सैनिक तैनात होने की बात कही जाती है।

अमरीका जल्द ही इराक से वापसी करेगी - राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्पचार महीनें पहले इराक की सत्ता की ड़ोर हाथ में लेने के बाद प्रधानमंत्री मुस्तफा का यह पहला अमरीका दौरा है। इस दौरान प्र्रधानमंत्री मुस्तफा ने अमरीका से ‘आयएस’ के खिलाफ़ जारी संघर्ष के लिए अब तक प्राप्त हुए सहयोग पर आभार व्यक्त किया। अमरीका का सहयोग इसी तरह आगे भी प्राप्त होगा, यह उम्मीद भी इराक के प्रधानमंत्री ने व्यक्त की। इसी बीच अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इराक से अमरिकी सैनिकों की वापसी और इराक के इंधन एवं ऊर्जा क्षेत्र के निवेश के मुद्दे पर आश्‍वस्त किया।

‘अमरीका ने अब तक इराक से काफी सैनिकों की वापसी की है। इसके आगे जल्द ही अमरीका की इराक से पूरी तरह से वापसी होगी’, यह दावा ट्रम्प ने किया। साथ ही अमरीका की वापसी के बाद इराक अपनी रक्षा के लिए तैयार होगा, यह विश्‍वास ट्रम्प ने व्यक्त किया। इस दौरान पत्रकारों ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से इराक से वापसी करने के टाईम टेबल को लेकर सवाल किया। इस पर ज़वाब देना ट्रम्प ने टाल दिया। तभी वहां पर मौजूद अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने यह जानकारी साझा की है कि, ‘जल्द ही अमरिकी सैनिकों की संख्या में कटौती होना शुरू होगा।’

फिलहाल आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और लष्करी प्रशिक्षण के लिए अमरीका के पांच हज़ार सैनिक इराक में तैनात हैं। लेकिन, इन सैनिकों को जल्द से जल्द इराक से हटाने की माँग इराक में जोर पकड़ रही है। खास तौर पर इस वर्ष के शुरू में अमरीका ने बगदाद में किए हवाई हमले में ईरान के कुद्स फोर्सेस का प्रमुख जनरल कासेम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमरीका को निकाल बाहर करने की माँग में बढ़ोतरी हुई है। इराक की सियासत में ईरान समर्थक नेता और अधिकारी अमरीका की सेना की वापसी का जोरदार समर्थन कर रहे हैं। साथ ही इराक में स्थित लष्करी ठिकानों पर एवं लष्करी गाड़ियों को ईरान से जुड़े गुट लक्ष्य कर रहे हैं।

मई महीने में इराक के प्रधानमंत्री बने मुस्तफा अल-कधेमी पहले गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख रहे हैं। प्रधानमंत्री होने के बाद मुस्तफा ने देश में चरमपंथी गुट और उनके नेताओं के खिलाफ़ कार्रवाई करना शुरू किया था। इस दौरान ईरान से जुड़े गुटों के आतंकियों को भी इराक ने हिरासत में लियाा। इसके बाद ईरान से प्रधानमंत्री मुस्तफा के खिलाफ़ कड़ी आलोचना भी हुई थी।

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