‘पाकिस्तान की आतंकवादपरस्त नीति से भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणुयुद्ध भड़क सकता है’ : अमरिकी सेना अधिकारी की चेतावनी

वॉशिंग्टन, दि. १०:  ‘भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध भड़क सकता है ऐसी चेतावनी अमरीका के ‘सेंट्रल कमांड’ के (सेंटकॉम) ‘जनरल जोसेफ वोटल’ ने दी है| अमरीकन सिनेट की ‘आर्म्ड सर्व्हिसेस कमिटी’ के सामने हुई सुनवाई के दौरान जनरल वोटल ने यह चेतावनी देते समय, ‘पाकिस्तान तकरिबन २० आतंकवादी संगठनों का निवास है’ ऐसा दावा किया| ‘इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान का अभय मिला रहा, तो और काफ़ी समय तक ये संगठन अफगानिस्तान में अस्थिरता निर्माण करते रहेंगे’ ऐसा जनरल वोटल ने कड़े शब्दों में कहा है|

परमाणु युद्ध

ट्रम्प प्रशासन के नेता और अधिकारी लगातार पाकिस्तान की आतंकी नीति को निशाना बना रहे हैं| जनरल वोटल ने भी पाकिस्तान की आतंकवादपरस्त नीति पर ऊँगली रखी है| पाकिस्तान की इस नीति के भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, ऐसा कहते हुए जनरल वोटल ने चिंता जतायी कि इस वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध भड़क सकता है| पाकिस्तान के आतंकी संगठन भारत में घातात कर रहे हैं| पाकिस्तान इन आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई नहीं कर रहा, यह इल्ज़ाम भारत की ओर से लगाया जा रहा है| इन हालात में पाकिस्तान को सबक सिखाने की माँग भारतीय जनता द्वारा की जा रही है| साथ ही, कुछ आतंकी हमलों का भारत ने जवाब दिया था, इसका उदाहरण जनरल वोटल ने अपनी सुनवाई में दिया|

‘फिलहाल भारत ने पाकिस्तान के सिलसिले में आक्रामक नीति अपनाई है और पाकिस्तान को घेरने की कोशिश की है| इसपर पाकिस्तान से तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है| यह तनाव बढ़ता रहा, तो दोनों देश गलत धारणाएँ रखते हुए एक दुसरे के खिलाफ व्यूहरचना कर सकते हैं| दोनों देश परमाणु हथियारों से लेस हैं और इस वजह से दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध भड़क सकता है’ ऐसी चिंता जनरल वोटल ने जताई है| लेकिन इसके लिए पाकिस्तान की आतंकवादपरस्त नीति ज़िम्मेदार होगी, ऐसा दोषारोपण जनरल वोटल ने किया है| यही नहीं, बल्कि ‘अफगानिस्तान में घातपात के लिए जिम्मेदार रहे आतंकवादी संगठनों का केंद्र पाकिस्तान में है’ ऐसा भी इल्जाम जनरल वोटल ने लगाया है|

‘हक्कानी नेटवर्क’ जैसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में पूरी तरह अभय प्राप्त है| ऐसे आतंकवादी संगठनों से, अफगानिस्तान में तैनात अमरिकी और अन्य देशों की सेनाओं को काफ़ी बड़ा खतरा है, इसपर जनरल वोटल ने अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड कमिटी’ का ग़ौर फ़रमाया है| इसीलिए इन आतंकवादी संगठनों पर ज़रूरी कार्रवाई करने की माँग अमरीका की ओर से लगातार की जा रही है| लेकिन पाकिस्तान की ओर से उसे प्रतिसाद नहीं मिल रहा, ऐसा जनरल वोटल ने कहा है|

इसी दौरान, अमरीका ने अफगानिस्तान में ज़्यादा सैन्य तैनात करना चाहिए, ऐसी माँग जनरल वोटल ने इस समय की| अफगानिस्तान स्थित अमरीका की सेना के कमांडर जनरल निकोल्सन ने भी, अफगानिस्तान में अधिक सेना की ज़रूरत है, ऐसा कहा था| तालिबान और ‘आयएस’ जैसे आतंकी संगठनों को रोकने के लिए यह तैनाती ज़रूरी है, ऐसा दावा अमरीका के लष्करी अधिकारियों ने किया है| उसी समय, पाकिस्तान अमेरिका के खिलाफ आतंकी संगठनों को कर रहे सहायता की वजह से, अमरीका और अफगाणिस्तान का काफ़ी नुकसान हो रहा है, ऐसा इल्ज़ाम भी लष्करी अधिकारी लगा रहे हैं| इस वजह से, जल्द ही ट्रम्प प्रशासन द्वारा पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कदम उठाये जा सकते हैं, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं| कुछ दिन पहले, अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके में ड्रोन हमला करते हुए, ट्रम्प प्रशासन ने अपनी अगली योजना की झलक दिखाई है, ऐसा दिखाई दे रहा है| जनरल वोटल के इस विधान से, आनेवाला समय पाकिस्तान के लिए अधिक मुश्किलोंवाला हो सकता है, ऐसे इशारे मिल रहे हैं|

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