ईरान की सहायता कर रहीं रशियन और चीनी कंपनियों पर अमरीका के प्रतिबंध

वॉशिंग्टन – ईरान के मिसाईल कार्यक्रम को संवेदनशील तकनीक प्रदान कर रहीं रशियन और चीनी कंपनियों पर अमरीका ने प्रतिबंध लगाए हैं। अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने शुक्रवार के दिन इससे जुड़ी जानकारी प्रदान की। ईरान पर प्रतिबंध लगाने की, पिछले १० दिनों में यह दूसरी घटना है। बीते सप्ताह में अमरीका ने, ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी से संबंधित ‘मुस्ताज़फान फाउंडेशन’ समेत उसकी १६० सहायक कंपनियाँ और ईरान की गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख महमूद अलावी के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था।

us-china-russia‘ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को सहायता प्रदान कर रहीं रशिया और चीन की चार कंपनियों पर प्रतिबंध घोषित किए गए हैं। ‘ईरान, नॉर्थ कोरिया ॲण्ड सीरिया नॉन प्रोलिफरेशन ऐक्ट’ के तहत ये प्रतिबंध जारी होंगे। इनमें चीन के ‘चेंगडू बेस्ट न्यू मटेरिअल्स’ और ‘झिबो एलिम ट्रेड कंपनी’ समेत रशिया के ‘निल्को ग्रुप’ एवं जॉईंट स्टॉक कंपनी ‘एलकॉन’ का समावेश है। ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को इन कंपनियों ने संवेदनशील तकनीक एवं आवश्‍यक सामान की आपूर्ति की है’, इन शब्दों में विदेशमंत्री पोम्पिओ ने ये प्रतिबंध लागू होने का ऐलान किया। ईरान की घातक योजना रोकने के लिए अमरीका यह कार्रवाई कर रही है, यह चेतावनी भी पोम्पिओ ने दी।

us-china-russiaईरान काफी तेज़ गति से प्रगत मिसाइलों का निर्माण कर रहा है और विश्‍व के अन्य देशों को इस मुद्दे पर सावधानी बरतनी होगी, इस बात का एहसास भी अमरिकी विदेशमंत्री ने इस दौरान कराया। अमरीका आगे भी ईरान की मिसाइल निर्माण करने की गतिविधियों को रोकने के लिए पूरी ताकत के साथ कार्रवाई करेगी, यह भी उन्होंने जताया। अमरीका ने ईरान के लिए नियुक्त किए हुए विशेष दूत एलिऑट अब्राम्स ने भी इन प्रतिबंधों का समर्थन करते समय, अगले दो महीनों में ईरान के खिलाफ एक के बाद एक प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई जारी रहेगी, यह दावा किया।

जनवरी महीने में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष पद का ज़िम्मा जो बायडेन संभालेंगे। बायडेन ने कुछ सप्ताह पहले ही, ईरान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल करके ईरान को दोबारा परमाणु समझौते में शामिल करने के संकेत दिए थे। ईरान ने भी, बायडेन के नेतृत्व में अमरीका दोबारा परमाणु समझौता करने की संभावना है, यह बयान किया था। इस पृष्ठभूमि पर, ट्रम्प प्रशासन ने ईरान के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई करने का सिलसिला शुरू किया है। यह कार्रवाई, ईरान के साथ दोबारा पहले जैसे संबंध स्थापित करने की बायडेन की नीति में बड़ा अड़ंगा बन सकते हैं।

us-china-russiaराष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किए निर्णय के बाद, सन २०१८ में अमरीका ईरान से किए परमाणु समझौते से बाहर हुई थी। इसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने ईरान के खिलाफ बड़ी मात्रा में प्रतिबंध लगाए हैं और इन प्रतिबंधों से ईरान की अर्थव्यवस्था काफी कमज़ोर हुई है। ईरान ने भी इस बात का कई बार स्वीकार किया है। इसके साथ ही, अमरीका चाहे कितने भी प्रतिबंध क्यों न लगाएँ, ईरान परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं करेगा, यह चेतावनी भी ईरान ने दी है।

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