अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ईरान को युद्ध में खिंच रहे है – ईरान के विदेशमंत्री का आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेहरान/जेरूसलेम – ईरान को अमरिका या खाडी देशों के साथ युद्ध नही करना है| लेकिन, अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन यही ईरान को युद्ध में खिंच रहे है, यह आरोप ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ ने किया| वही, इस्रायल की यात्रा कर रहे बोल्ट ने बातचीत के लिए अभी भी दरवाजे खुले होने का दावा करके ईरान को बातचीत का प्रस्ताव दिया है|

सोमवार के दिन अमरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की है और इसमें ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्ला खामेनी पर प्रतिबंध लगाए है| इस वजह से क्रोधित हुए ईरान ने ऐसी स्थिति में बातचीत की संभावना अब बची नही है, यह इशारा दिया था| विदेशमंत्री झरिफ ने अमरिका ने रखा बातचीत का प्रस्ताव ठुकराकर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे नही हटेगा, यह बात डटकर रखी है| साथ ही ईरान ने नही, बल्कि अमरिका परमाणु समझौते से पीछे हटी है, यह आरोप भी झरिफ ने रखा|

पश्‍चिमी देश और ईरान में हुआ परमाणु समझौता सफल ना हो, इसलिए ‘बी-टिम’ काम कर रही है, यह आलोचना ईरान के विदेशमंत्री ने किया| साथ ही अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ही ईरान को युद्ध के लिए उकसा रहे है, यह आरोप भी झरिफ ने किया है| साथ ही ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांति के लिए है, यह भी झरिफ ने कहा है|

यूरोपिय देशों ने अपनी मांगे पूरी नही की तो संवर्धित युरेनियम की तादाद बढाने की धमकी ईरान ने कुछ दिन पहले दी थी| इसके लिए ईरान ने पश्‍चिमी देशों को २७ जून तक वक्त दिया था| यूरोपिय देशों को दी हुई यह ‘न्यूक्लिअर डेडलाईन’ गुरूवार के दिन खतम हो रही है और इससे पहले ही ईरान ने परमाणु केंद्र में संवर्धित युरेनियम की तादाद बढाना शुरू किया है|

अगले दस दिनों में संवर्धित युरेनियम की तय सीमा लांघ सकेंगे, यह ऐलान ईरान ने पहले ही किया था| ऐसा हुआ तो ईरान परमाणु बम बनाने के निकट पहुंचेगा, यह दावा अमरिका, इस्रायल, सौदी अरब और अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है|

ऐसी स्थिति में अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ने ईरान के सामने फिर से बातचीत का प्रस्ताव रखा है| ईरान के साथ बातचीत के लिए अमरिका ने दरवाजे खुले रखे है, यह बोल्टन ने कहा है| ईरान अपनी घातक गतिविधियां, परमाणु कार्यक्रम, मिसाइल निर्माण और आतंकी गुटों को समर्थन देना बंद करता है तो, सच्चे मायने में बातचीत शुरू हो सकती है, ऐसा बोल्टन ने कहा है| बोल्टन युद्ध के लिए उकसा रहे है, यह आरोप ईरान कर रहा है, ऐसे में बोल्टन ने ही बातचीत का प्रस्ताव रखकर ईरान ने लगाए आरोप ठुकराने की कोशिश की है|

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