अमरिकी नौसेना में अतिप्रगत परमाणु वाहक पनडुब्बी कार्यरत

वॉशिंगटन: अमरिका की नौसेना में ‘व्हर्जिनिया’ श्रेणी की १७ वी पनडुब्बी कार्यरत हुई है और यह अब तक की सबसे प्रगत और स्टेल्थ पनडुब्बी होने का दावा किया जाता है। ‘टोमाहॉक’ मिसाइल प्रक्षेपित करने की क्षमता रखने वाली यह पनडुब्बी अमरिकी नौसेना के सामर्थ्य में बढ़ोत्तरी करेगी, ऐसा स्थानीय माध्यमों ने कहा है। दौरान, रशिया और चीन की नौसेना की ओर से खतरे को अधोरेखित करके अमरिका की नौसेना ने पनडुब्बियों के निर्माण को अधिक महत्व दिया है।

विमान वाहक जंगी जहाज और विनाशिकों के सामर्थ्य में प्रमुख अमरिका ने पिछले कुछ वर्षों से पनडुब्बियों के निर्माण को सबसे ज्यादा महत्व दिया है। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिका ने अतिप्रगत पनडुब्बियों का निर्माण शुरू किया है और उसका ठेका ‘जनरल डायनामिक्स इलेक्ट्रिक बोट’ इस अमरिकन कंपनी को दिया है। अमरिका की नौसेना ने इस कंपनी के साथ कुल २८ विशाल पनडुब्बियों के निर्माण का अनुबंध किया है और पिछले हफ्ते १७ वी पनडुब्बी अमरिकी नौसेना में दाखिल हुई है। अभीभी छः पनडुब्बियों का निर्माण शुरू है, यह जानकारी इस कम्पनी ने दी है।

अमरिकी नौसेनाशनिवार को अमरिकन नौसेना में शामिल हुई पनडुब्बी का ‘युएसएस साउथ डकोटा’ ऐसा नामकरण किया गया है। इस पनडुब्बी में १३० नौसैनिक का परिवहन करने की क्षमता है। इस पनडुब्बी में से ‘टोमाहॉक’ मिसाइल प्रक्षेपित करने के लिए १२ लाँच ट्यूब है और प्रत्येक लाँच ट्यूब में से छः मिसाइल प्रक्षेपित किए जा सकते हैं।

शत्रु के रडार को धोखा देने की क्षमता रखने वाली यह पनडुब्बी महासागर में से साथ ही नहरों में से भी सफ़र कर सकती है। इसलिए हर मुहीम के लिए यह पनडुब्बी तैयार होने का दावा अमरिकन नौसेना ने किया है। उसीके साथ ही ‘युएसएस साउथ डकोटा’, पनडुब्बी और जंगी जहाजों के खिलाफ लड़ाई में भी मददगार साबित हो सकती है।

इसके अलावा समुद्री सुरंग लगाना, गोपनीय जानकारी प्राप्त करना साथ ही नौसेना की विशेष मुहीम के लिए इस पनडुब्बी का इस्तेमाल हो सकता है। इसमें से नौसेना की विशेष मुहिमों के लिए ‘टॉर्पेडो रूम’ में स्वतंत्र सुविधा उपलब्ध की गई है। इस ‘टॉर्पेडो रूम’ में ‘स्पेशल फोर्सेस’ के कमांडो बहुत दिनों तक रह सकते हैं, यह जानकारी नौसेना ने दी है। इस वजह से ‘युएसएस साउथ डकोटा’ इस पनडुब्बी का निर्माण अमरिकी नौसेना के सामने की चुनौतियों को अभ्यास करके किया गया है, यह जानकारी नौसेना ने दी है।

अमरिकी नौसेना दुनिया के सबसे बड़े अरमाडा के तौर पर प्रसिद्ध है। अमरिकी नौसेना में ग्यारह अजस्त्र विमान वाहक जंगी जहाजों के साथ ४३० जंगी जहाज, विनाशिका, पनडुब्बी, सुरंग भेदी नौकाएँ और गश्त नौकाएं शामिल हैं। रशिया के पास एक विमान वाहक जंगी जहाज के साथ करीब ३२० विनाशिका हैं। चीन के पास भी रशिया की तरह एक विमान वाहक जंगी जहाज और ४९२ विनाशिका, पनडुब्बियां हैं।

अमरिकी अरमाडा रशिया और चीन की तुलना में बड़ा है, फिर भी अमरिका अपने प्रतिस्पर्धी देशों की नौसेना के सामर्थ्य के खिलाफ मुकाबला करने में असफल साबित हो रहा है, ऐसी आलोचना पिछले कुछ सालों से पेंटागन के अधिकारी साथ ही लष्करी विश्लेषक कर रहे हैं। अमरिका के विमान वाहक जंगी जहाज और विनाशिकों को जलसमाधी देने के लिए रशिया और चीन ने पनडुब्बियों का बड़ा बेडा तैयार करने की जानकारी पेंटागन के अधिकारी और विश्लेषक दे रहे हैं।

रशियन पनडुब्बियां अमरिकी विमान वाहक जंगी जहाजों को एक ही हमले में मात दे सकती हैं, ऐसी चिंता एडमिरल मार्क फर्ग्युसन ने पिछले साल जताई थी। रशियन पनडुब्बियां प्रगत तकनीक और मिसाइल यंत्रणाओं से सज्ज हैं और यह मिसाइल लम्बी दूरी तक हमला कर सकते हैं, ऐसा दावा फर्ग्युसन ने किया था। रशिया की तरह चीनी पनडुब्बियां भी अमरिका के एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जंगी जहाजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं, ऐसा अमरिकी विश्लेषकों का कहना है।

इस पृष्ठभूमि पर, पिछले कुछ महीनों में लगातार १७ पनडुब्बियों का समावेश नौसेना में करके अमरिका ने अपने पनडुब्बियों के निर्माण पर अधिकाधिक जोर दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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