अमरिका अफ्रीका में स्थित आतंकवादियों को लक्ष्य बनाएगा

वॉशिंगटन: इसके आगे अफ्रीका में स्थित आतंकवादियों के खिलाफ अमरिका व्यापक और आक्रामक कार्रवाई हाथों में लेने वाली है, ऐसा अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है। फ़्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ले ने अपने अमरिका के दौरे में अमरिका अफ्रीका में स्थित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाइयों की व्याप्ति बढाए, ऐसा आवाहन किया था। उसके बाद अमरिकन रक्षा मंत्री ने यह घोषणा की है, ऐसा दिखाई दे रहा है। इस महीने की शुरवात में अफ्रीका के नायजर देश में हुए आतंकवादी हमले में तीन अमरिकी जवानों के साथ आठ लोगों की जान गई थी। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने यह आक्रामक निर्णय लिया है।

अफ्रीकाफ़्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ले प्रतिनिधि मंडल के साथ अमरिका में दाखिल हुए हैं और उन्होंने अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच. मैकमास्टर के साथ मुलाकात की। अफ्रीका में बढती आतंकवादी कार्रवाईयां, इस मुलाकात में प्रमुख विषय था। अफ्रीका में बढती आतंकवादी कार्रवाईयां चिंताजनक हैं और इसे अमरिका नजरअंदाज नहीं कर सकती, ऐसा फ़्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पर्ले कहा है। ‘आयएस’ जैसे खतरनाक आतंकवादी संगठन का विनाश करने के लिए अमरिका को अफ्रीकन देशों में स्थित सेना बल को बढ़ाना पड़ेगा, ऐसा भी फ़्रांस के रक्षा मंत्री ने कहा है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिकन सिनेट के ‘आर्म्ड सर्विसेज कमिटी’ के सदस्य लिंडसे ग्राहम ने महत्वपूर्ण जानकारी सामने लाई है। ‘आर्म्ड सर्विसेज कमिटी’ के सामने बोलते समय अमरिका के रक्षा मंत्री मैटिस ने आने वाले समय में अफ्रीकन देशों में आतंकवादी विरोधी लड़ाई की तीव्रता की जाने वाली है, ऐसा घोषित किया है। इसके अनुसार आने वाले समय में संदिग्ध आतंकवादियों पर भी कठोर कार्रवाई की जाने वाली है। इन आतंकवादियों से तत्काल खतरा संभव नहीं है, फिर भी यह कार्रवाई की जाएगी। इस  कार्रवाई का फैसला व्हाइट हाउस से नहीं लिया जाएगा, बल्कि वहां पर तैनात अमरिकी सैन्य इस हमले के बारे में फैसला लेगी, यह महत्वपूर्ण जानकारी ग्राहम ने दी है।

इस महीने के पहले हफ्ते में नायजर इस अफ्रीकन देश में हुए आतंकवादी हमले में तीन अमरिकी जवानों के साथ आठ लोगों की जान गई थी। उसके बाद अमरिका की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया आई है। अफ्रीकन देशों में ‘आयएस’ और अन्य आतंकवादी संगठनों का प्रभाव बढ़ रहा है, ऐसा कहकर उससे यूरोप और अमरिका की भी सुरक्षा को खतरा होने का दावा फ़्रांस जैसे देश कर रहे हैं। अमरिका के दौरे पर आए फ़्रांस के रक्षा मंत्री ने भी इसी खतरे को अधोरेखित किया है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने यह निर्णय घोषित किया है।

सन २०११ में लीबिया पर हमला करके पश्चिमी देशों ने मुअम्मर गद्दाफी की तानाशाही राजवट को गिराया था। उसके बाद अफ्रीका में आतंकवादी संगठनों ने गहराई तक अपनी जड़ों को बोया है। इस वजह से अमरिका और मित्र देश अब अफ्रीका के आतंकवादियों की तरफ ध्यान केन्द्रित करने पर मजबूर हुए हैं और आने वाले समय में अमरिका और मित्र देश आफ्रिका के आतंकवादियों पर हमले करेंगे, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

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