अंदरुनि समस्याओं से भागने के लिए ही अमरीका चीन को ‘काल्पनिक शत्रु’ बना रही है – चीन का अमरीका पर आरोप

बीजिंग/वॉशिंग्टन – चीन और अमरीका के द्विपक्षीय संबंध अब ढ़लान पर हैं और इसके लिए अमरीका ही ज़िम्मेदार है। देश की अंदरुनि समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए अमरीका चीन को ‘काल्पनिक शत्रु’ के तौर पर खड़ा कर रही है, ऐसा आरोप चीन ने लगाया है। अमरीका की उप-विदेशमंत्री वेंडी शेरमन दो दिन के दौरे पर चीन पहुँची है और इसी बीच हुई बैठक के दौरान चीन ने यह आरोप लगाने की बात सामने आयी है। इस दौरान अमरीका को ताल्लुकात सुधारने की इच्छा हो तो अमरीका हमारी माँगे पूरी करे, ऐसा इशारा भी चीन ने दिया होने की बात कही जा रही हैं।

US-China-Shermanउप-विदेशमंत्री वेंडी शेरमन और उच्चस्तरीय शिष्टमंड़ल ने सोमवार के दिन चीन के उप-विदेशमंत्री शी फेंग एवं वरिष्ठ अफसरों से भेंट की। इस दौरान चर्चा में चीन ने आक्रामक भूमिका अपनाने की जानकारी सामने आयी है। दो देशों के संबंधों में काफी गंभीर समस्या बरकरार है और इसके लिए अमरीका ही ज़िम्मेदार है, ऐसा दावा चीन ने किया। अमरीका दबाव एवं जबरन नीति का पुरस्कर्ता होने का आरोप भी चीन के मंत्री ने लगाया है, ऐसा कहा जा रहा है। संबंधों में सुधार लाने के लिए चीन ने अमरीका के सामने दो सूचियाँ रखी हैं, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की।

इनमें से एक सूचि में दोनों देशों के संबंधों के ‘एरर्स’ और दूसरी सूचि में चीन के नज़रिये से अहम मुद्दों का समावेश है। चीन ने अमरीका के सामने कुछ माँगे रखने की बात भी सामने आयी है। इनमें हुवेई कंपनी की प्रमुख अधिकारी मेंग वान्झोऊ को हिरासत में लेने से संबंधित अर्जी पीछे लेना, चीनी अफसरों पर लगाए गए प्रतिबंध हटाना एवं चीनी कंपनियों को रोकने की नीति खत्म करने के मुद्दों का समावेश है। अमरिकी अफसरों ने इस सूचि से संबंधित खबर की पुष्टी नहीं की है। लेकिन, दोनों देशों ने एक-दूसरे के लिए अहम और चिंता निर्माण करनेवाले मुद्दे पेश किए जाने की बात कही गई है।

US-China-Sherman-01-768x228बीते कुछ वर्षों में अमरीका और चीन के संबंधों में काफी तनाव निर्माण हुआ है। कोरोना, व्यापारी लूट, मानव अधिकारों का उल्लंघन, जासूसी, सायबर हमलों जैसे कई मुद्दों पर अमरीका ने चीन को लक्ष्य करना शुरू किया है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में चीन के विरोध में आक्रामक प्रतिबंध लगाने के साथ कार्रवाई करने के कई निर्णय किए गए थे। बायडेन प्रशासन ने कुछ हद तक यही नीति बरकरार रखी है और साथ ही समझदारी से बातचीत करने का मार्ग खुला रखने की कोशिश भी जारी रखी है।

इस वर्ष में चीन के साथ दूसरी उच्चस्तरीय बैठक इस बात की पुष्टी है। इससे पहले मार्च में अलास्का में हुई बैठक के दौरान अमरीका और चीन के नेताओं के बीच जोरदार विवाद होने की बात भी सामने आयी थी।

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