कोरोना के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करने के लिए अमरिकी संसद में पेश हुआ नया विधेयक

– अमरिकी जनता को क़ानूनी कार्रवाई का अधिकार

वॉशिंग्टन – कोरोना की महामारी के मसले पर चीन के विरोध में आक्रामक राजनीतिक संघर्ष शुरू करनेवाली अमरीका ने अपने संघर्ष की तीव्रता और भी बढ़ाई है। चीन की हुकूमत ने कोरोना वायरस के माध्यम से जागतिक अर्थव्यवस्था को काफ़ी बड़ी मात्रा में नुकसान पहुँचाया है, यह आरोप अमरीका के साथ कई प्रमुख देशों ने किया है। कुछ देशों ने चीन से हर्ज़ाना वसूल करने की माँग करनेवाले मुक़दमे दाखिल करने की तैयारी शुरू की है। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी जनता को चीन के विरोध में क़ानूनी कार्रवाई करने का अधिकार प्रदान करनेवाला विधेयक अमरिकी संसद में पेश किया गया है। साथ ही, अमरिकी यंत्रणाओं ने दो चीन हैकर्स के विरोध में, कोरोना से संबंधित ‘रिसर्च’ एवं अन्य संवेदनशील जानकारी, सायबर हमलों के माध्यम से चोरी करने के मामले में आरोपपत्र भी दाखिल किया है।

China-Corona-USAअमरिकी सिनेट में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने चीन के विरोध में विधेयक पेश करने के लिए पहल की है। इनमें मार्था मॅकसॅली और टॉम कॉटन समेत छ: सिनेटर्स का समावेश है। ‘सिव्हिल जस्टीस फॉर व्हिक्टिम्स ऑफ कोविड ॲक्ट’ इस नाम से यह विधेयक पेश किया गया है और इस विधेयक के अनुसार अमरिकी नागरिकों को चीन के विरोध में याचिका दर्ज़ करने का अधिकार प्राप्त होगा। इसी विधेयक में अमरिकी अदालतों को चीन की संपत्ति जब्त करने का अधिकार भी प्रदान किया गया है। चीन की हुकूमत को प्रदान की गई संप्रभूत सुरक्षा भी हटाने का प्रावधान इस विधेयक में हैं। दो देशों के बीच होनेवाले राजनीतिक संबंधों से जुड़े नियमों के अनुसार, एक देश का नागरिक दूसरें देश की सरकार के विरोध में मुक़दमा दर्ज़ नहीं कर सकता।

कोरोनावायरस को लेकर चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने प्रदान की हुई झूठी जानकारी और धोख़ाधड़ी से अमरिकी नागरिकों की मौत हुई है। अपने प्रिय व्यक्तियों को खोनेवाले एवं व्यापार में बड़ा नुकसान भुगतनेवाले अमरिकी नागरिकों को इस नुकसान के लिए, चीन की हुक़ूमत को ज़िम्मेदार क़रार देकर उससे हर्ज़ाना वसूल करने का अधिकार है। कोरोना की महामारी में मृत हुए लोगों की संख्या एवं इससे हो रहे नुकसान का दायरा प्रतिदिन बढ़ रहा है। ऐसें में चीन को इसकी बड़ी क़ीमत चुकाने के लिए मजबूर करना ही होगा, ऐसें आक्रामक शब्दों में सिनेटर मार्था मॅकसॅली ने कोरोना से संबंधित इस विधेयक का समर्थन किया। अन्य सिनेटर्स ने भी इसका समर्थन किया है और चीन की हुक़ूमत ने लगातार सच्चाई छिपाने की कोशिश की, यह आरोप भी किया है।

China-Corona-USAअमरीका के साथ विश्‍वभर में कोरोना की महामारी की तीव्रता लगातार बढ़ रही है और अबतक इस महामारी से छह लाख से भी अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। सिर्फ़ अमरीका में ही कोरोना की महामारी से १.४० लाख से अधिक लोग मृत हुए हैं। इस मुद्दे पर अमरिकी जनता के साथ सियासी दायरे में भी चीन के विरोध में असंतोष की बड़ी भावना बनी है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प पिछले कुछ महीनों से इसी मुद्दे पर लगातर चीन को लक्ष्य कर रहे हैं। कोरोनावायरस का उद्गम चीन में ही हुआ है और चीन की हुकूमत ने जानबूझकर इस महामारी को विश्‍वभर में फ़ैलने दिया, ऐसा कड़ा आरोप ट्रम्प ने किया है। इस वजह से हुआ नुकसान अमरीका अब चीन से वसूल करेगी, यह चेतावनी भी ट्रम्प और उनके सहयोगी नेताओं ने दी थी।

अमरीका ने अभी भी हर्ज़ाने की रक़म तय नहीं की है। लेकिन, यह रकम काफ़ी बड़ी होगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने डटकर कहा था। साथ ही, यह हर्ज़ाना सिर्फ़ अमरीका तक सीमित नहीं होगा, बल्कि पूरे विश्‍व के लिए हर्ज़ाना वसुल करने की कोशिश अमरीका करेगी, ऐसे संकेत राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिए थे। वहीं, कोरोना वायरस की जानकारी छिपाकर चीन ने अमरीका का काफ़ी बड़ी मात्रा में जीवित और आर्थिक नुकसान किया है और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को इसकी क़ीमत चुकानी ही होगी, यह चेतावनी अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने दी थी। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी संसद में पेश हुआ यह विधेयक अहमियत रखता है।

इसी बीच, चिनी हैकर्स ने कोरोना की महामारी का इलाज़ और टीके से संबंधित अनुसंधान एवं अन्य संवेदनशील जानकारी की चोरी की है, यह दावा अमरिकी न्याय विभाग ने किया है। ली शिओयु और डाँग जियांझी इन दो चिनी हैकर्स के विरोध में आरोपपत्र भी पेश किया गया है। ये दोनों हैकर्स चीन के गुप्तचर विभाग के लिए काम कर रहे थे, यह आरोप अमरिकी यंत्रणाओं ने रखा है। अमरीका के साथ अन्य देशों में भी इन चिनी हैकर्स ने सायबर हमलें किए होने का दावा इस आरोपपत्र में रखा गया है। अमरीका समेत युरोपिय देशों ने पहले ही संकेत दिये थे कि कोरोना से संबधित किए रिसर्च की जानकारी चुराने के लिए गतिविधियाँ शुरू हैं। उसी समय, इन गतिविधियों के पीछे चीन एवं रशिया का हाथ होने का आरोप भी किया गया था।

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