अलास्का में हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अमरीका और चीन के बीच हुआ टकराव

अलास्का/बीजिंग – अलास्का में जारी अमरीका और चीन की उच्चस्तरीय बैठक में दोनों देशों के नेताओं के बीच जोरदार जुबानी टकराव हुआ। अमरीका ने झिंजिआंग, हाँगकाँग और तैवान का मुद्दा उपस्थित करके चीन को आड़े हाथों लिया। तभी चीन के नेताओं ने विश्‍व का नेतृत्व अपने हाथों होने की मानसिकता में रहकर अमरीका बातचीत ना करें, ऐसा इशारा दिया। अमरीका का बायडेन प्रशासन पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की तुलना में चीन के मुद्दे पर नरम भूमिका अपनाएगा, यह समझा जा रहा था। लेकिन, विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के नेतृत्व द्वारा चीन के मसले पर बढ़ाएँ जा रहें दबाव के कारण बायडेन प्रशासन चीन के खिलाफ भूमिका अपनाने के लिए मज़बूर होता दिख रहा हैं।

alaska-us-chinaअमरीका के अलास्का में स्थित एंकरेज में अमरीका और चीन के बीच गुरूवार के दिन उच्चस्तरीय बैठक शुरू हुई। इस बैठक के लिए अमरीका की ओर से विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वही, चीन की ओर से कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता यांग जिएची एवं विदेशमंत्री वैंग यी के साथ वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए। बैठक के शुरू से ही दोनों देशों के नेताओं के बीच टकराव होने की बात कही जा रही हैं।

अपने बयान में अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने अमरीका हमेशा ही कानून और नियमों के आधार पर खड़ी व्यवस्था की सुरक्षा के लिए ड़टकर खड़ी रहेगी, यह इशारा दिया। ऐसी व्यवस्था बरकरार नही रही तो विश्‍व में तीव्र हिंसा होगी, यह दावा भी उन्होंने किया। चीन ने झिंजिआंग, हाँगकाँग और तैवान में शुरू की हुई हरकतें, अमरीका पर हुए सायबर हमलें और अमरीका के मित्रदेशों पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए की कोशिश की वजह से जागतिक स्थिरता के लिए खतरा निर्माण होने का आरोप भी अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने किया।

ब्लिंकन के इस बयान पर चीन के वरिष्ठ नेता यांग जिएची ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की। ‘अमरीका विश्‍व का नेतृत्व नही करती, बल्कि सीर्फ अमरीका की सरकार का प्रतिनिधित्व करती हैं। अमरीका को अन्य देशों की ओर से बोलने का अधिकार नही हैं’, ऐसा जिएची ने कहा। इसी दौरान चीन के अंदरुनि कारोबार में अमरीका दखलअंदाज़ी ना करें, ऐसा इशारा भी उन्होंने दिया। अमरीका स्वयं अपनी प्रतिमा में सुधार करें और अपने स्टाईल का जनतंत्र अन्य देशों पर थोपे ना, ऐसी सलाह भी यांग जिएची ने इस दौरान प्रदान की।

alaska-us-chinaअमरीका और चीन की बैठक में हुआ जुबानी टकराव दोनों देशों में जारी तनाव अभी भी बरकरार होने की बात दिखाता हैं। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते चार वर्षों में चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई थी। व्यापार, तकनीक, जासूसी, उइगरवंशियों पर हो रहें अत्याचारों जैसें कई मुद्दों पर ट्रम्प ने चीन को लगातार लक्ष्य किया था। ट्रम्प की तुलना में बायडेन चीन को लेकर ज्यादा आक्रामक नीति अपनाए बगैर समझौते की भूमिका अपनाएंगे, ऐसें दावें किए जा रहे थे।

लेकिन, बीते कुछ हफ्तों से बायडेन प्रशासन भी चीन के खिलाफ जमकर भूमिका अपना रहा हैं, ऐसा प्रमुख नेता और अफसरों के बयान से दिख रहा हैं। इसके पीछे अमरीका का विपक्ष रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने चीन के मुद्दे पर लगातार किए आक्रामक बयान और प्रशासन पर बनाया दबाव ज़िम्मेदार होने की बात स्पष्ट तौर पर दिख रही हैं। इसी दबाव के कारण बायडेन प्रशासन चीन के खिलाफ अपनाई पहली नीति में बदलाव ना करने की बात लगातार साबित करनी पड़ रही हैं। अलास्का में हुई वार्ता के दौरान बायडेन प्रशासन ने अपनाई सख्त और आक्रामक भूमिका भी इसी का हिस्सा होने की बात सामने आ रही हैं।

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