कोरोना की पारदर्शी जाँच करने के लिए चीन सहायता करें – अमरीका के बायडेन प्रशासन का आवाहन

पारदर्शी जाँचवॉशिंग्टन – कोरोना का विषाणु चीन की वुहान लैब से ही बाहर निकला और विश्‍वभर में संक्रमित हुआ, यह ‘लैब लीक थिअरी’ अब काफी लोग स्वीकार रहे हैं। ऐसें संकेत देनेवाले परिस्थितिजन्य सबूत प्राप्त हो रहे हैं, यह बात पश्‍चिमी माध्यमों ने भी स्वीकारी है। लेकिन, सबसे पहले हमने ही कोरोना का ज़िक्र बतौर ‘वुहान वायरस’ करके, इसके पीछे चीन होने का आरोप लगाया था, इसकी याद अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ताज़ा की। उस समय हमारी कड़ी आलोचना हुई, लेकिन अब हमारा कहना सभी लोगों ने स्वीकार किया है और इसके लिए हम आभारी हैं, ऐसें चुभनेवाले शब्दों में ट्रम्प ने अपने आलोचकों को लक्ष्य किया है। इसी बीच ‘लैब लीक’ मामले की पारदर्शी जाँच करने के लिए चीन सहायता करें, यह माँग अमरीका ने अधिकृत स्तर पर की है।

नवंबर २०१९ में ही वुहान लैब में काम करनेवाले चीन के वैज्ञानिक कोरोना संक्रमित होने से बिमार हुए थे। लेकिन चीन ने यह जानकारी छुपाकर रखी। कोरोना की महामारी विश्‍वभर में संक्रमित होने के बाद भी चीन ने इससे संबंधित काफी जानकारी विश्‍व के सामने आने नहीं दी। उल्टे यह जानकारी सार्वजनिक करने में जो शामिल थे, ऐसे शोधकर्ता, डॉक्टर्स एवं पत्रकार चीन में लापता हुए हैं। कुछ अखबारों ने इससे संबंधित जानकारी सामने लायी है और इसी कारण ‘लैब लीक’ यानी वुहान लैब से ही कोरोना का विषाणु विश्‍वभर में संक्रमित होने की दावे की पुष्टि हो रही है। इसी के साथ इस महामारी की जानकारी छुपानेवाले चीन को लेकर जताई जा रही आशंका भी बढ़ रही है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे पहले कोरोना का ज़िक्र ‘वुहान वायरस’ करके, इसके लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने का ऐलान किया था। उस समय अमरिकी माध्यमों ने ट्रम्प की कड़ी आलोचना की थी और उनका यह आरोप उनकी विद्वेषी नीति का हिस्सा होने का आरोप लगाया था। इसकी याद भी अब ट्रम्प ने ताज़ा की है। लेकिन, अब सिर्फ हमने किए हुए दावे सभी लोगों को स्वीकारने पड़ रहे हैं और इसे स्वीकारने के लिए आभार, ऐसी फटकार लगाकर ट्रम्प ने अमरिकी माध्यमों के अपने आलोचकों को लक्ष्य किया। कोरोना के उद्गम को लेकर चीन पर व्यक्त हो रही आशंका की दखल, चीनसमर्थक के तौर पर विख्यात हुए बायडेन प्रशासन को भी लेनी पड़ी है।

व्हाईट हाउस के कोरोना संबंधित सलाहकार एंड़ी स्लैविट ने, इस मामले की गहरी और पारदर्शी जाँच करने की माँग की। इस महामारी के उद्गम की पूरी जानकारी प्राप्त करना अब अनिवार्य बना है। इसी वजह से चीन और ‘डब्ल्यूएचओ’ को, इस मुद्दे से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब देने होंगे। इस महामारी के उद्गम की पारदर्शी जाँच करने के लिए चीन और डब्ल्यूएचओ सहायता करें और इन सवालों के जवाब देने में भी सहयोग करें। फिलहाल इन दोनों से यह सहयोग नहीं हो रहा हैं, ऐसा आरोप स्लैविट ने लगाया है।

चीन से गंभीर सवाल किए गए हैं, फिर भी बायडेन प्रशासन ने अभी तक कोरोना संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार साबित हुए चीन के विरोध में अपेक्षित भूमिका अपनाई नही हैं, ऐसी आलोचना अमरिकी विश्‍लेषक कर रहे हैं। अमरीका में छह लाख लोग कोरोना संक्रमित होने से मृत हुए हैं। ऐसा होने के बावजूद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन, कोरोना संक्रमित करनेवाले चीन के विरोध में सख्त भूमिका अपनाने का अपना कर्तव्य निभाने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसी आलोचना नामांकित विश्‍लेषक गॉर्डन चैंग ने की थी। इस आलोचना का प्रभाव अब दिखाई दे रहा है और बायडेन प्रशासन के साथ ही अमरिकी माध्यम भी, अब चीन विरोधी भूमिका अपनाने के लिए मज़बूर होते दिख रहे हैं।

इसी बीच लैब लीक के दावे को बल प्रदान करनेवाली खबरें और प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं और तभी इस वजह से चीन भी काफी बेचैन होता दिख रहा है। अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके चीन यह बात छुपाने की हर संभव कोशिश कर रहा था। लेकिन, अब इस मामले को दबाना चीन की क्षमता के बाहर की बात बन रही है। इस पृष्ठभूमि पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने, डब्ल्यूएचओ की टीम ने वुहान दौरा करके पेश की हुई रिपोर्ट का हवाला दिया। कोरोना का उद्गम वुहान लैब में नहीं हुआ है, यह खुलासा इस टीम ने किया था, इस ओर लिजिआन ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, यह विवादित अनुमान इसी टीम के कुछ सदस्यों को मंजूर नहीं था, यह बात भी अब दुनिया के सामने आ रही है।

इसके अलावा इस टीम से चीन ने पुरा सहयोग नहीं किया था, यह बात भी अब स्पष्ट हो रही है। इस वजह से, इस मुद्दे पर पूछे गए सवालों का सामना करना चीन के लिए अधिक से अधिक कठिन हो रहा है।

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