बेचैन हुए चीन द्वारा ‘जी ७’ की आलोचना

बेचैन हुए चीनलंदन – कोरोना की महामारी फैलाकर चीन ने ३५ लाख से अधिक लोगों की जान ली है इन आरोपों को बल प्राप्त हो रहा हैं और इसकी गूंज ‘जी ७’ की बैठक में सुनाई पड़ी है। कोरोना की महामारी के मुद्दे पर चीन की भूमिका संदिग्ध होने के संकेत देकर ‘जी ७’ के सदस्य देशों ने इस मुद्दे पर चीन पारदर्शिता दिखाए, यह माँग की। इसी बीच, बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों के माध्यम से गरीब देशों को अपने कर्ज़ के फंदे में फंसा रहे चीन के खिलाफ ‘जी ७’ ने ‘बी ३ डब्ल्यू’ प्रकल्प की पहल की है। इस पर बेचैन हुए चीन ने ‘जी ७’ की कड़ी आलोचना की है।

किसी छोटे गुट ने पुरे विश्‍व पर हुकूमत करने का समय अब बीत चुका है, ऐसा बयान ब्रिटेन में स्थित चीन के दूतावास ने किया है। छोटा हो या बड़ा, ताकतवर हो या कमजोर, गरीब हो या धनिक सभी देश एक समान हैं। अंतरराष्ट्रीय कारोबार सभी देशों की सहमति से जारी रहें, ऐसी आदर्श भूमिका चीन के दूतावास ने स्वीकारी होने की बात चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने कही है।

चीन से प्राप्त हुई प्रतिक्रिया से यह देश ‘जी ७’ की एकजुट से असुरक्षित होने की बात दिखा रही हैं। इस बार लंदन में हुई ‘जी ७’ की बैठक में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया गया था। मौजूदा स्थिति में इन तीनों देशों के साथ चीन का विवाद जारी है। खास तौर पर ‘जी ७’ की बैठक से पहले भारत में नियुक्त चीन के राजदूत ने शांति और सहयोग की बयानबाज़ी शुरू की थी। भारत और चीन के बीच संघर्ष नहीं, सहयोग चाहिये, ऐसा बयान चीन के राजदूत ने किया था। ‘जी ७’ की शुरूआत होने से पहले चीन का समझदारी का लगाया स्वर ध्यान आकर्षित कर रहा है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना था।

कोरोना की महामारी चीन ने जानबूझकर फैलाई, ऐसा स्पष्ट आरोप अभी तक ‘जी ७’ के किसी भी सदस्य देश ने नहीं लगाया है। लेकिन, कोरोना के विषाणु के मुद्दे पर चीन के दावे स्वीकारना अब मुमकिन नहीं होगा, यह बात ‘जी ७’ के सदस्य देश स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं। साथ ही अब तक इस मुद्दे पर चीन के पक्ष में खड़े होकर उसका बचाव करता रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दावे स्वीकारने के लिए भी ‘जी ७’ के सदस्य देश तैयार नहीं हैं। कोरोना के उद्गम की गहरी जाँच करने की आवश्‍यकता है और इसके लिए चीन सहयोग करे, यह माँग भी ‘जी ७’ ने रखी है।

इस मुद्दे पर चीन पारदर्शी भूमिका नहीं अपना रहा है, ऐसा कहकर ‘जी ७’ के सदस्य देशों ने चीन पर आशंका व्यक्त की है। इसका दबाव चीन को महसूस हो रहा है। अगले दिनों में कोरोना की महामारी से संबंधित अधिक जानकारी सामने आयी तो चीन को घेरने के लिए आवश्‍यक पूर्वतैयारी ‘जी ७’ की इस बैठक में दिख रही है। इसकी पूर्वकल्पना होने से चीन अपने बचाव की तैयारी कर रहा है।

इसी बीच, बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड यानी ‘बी ३ डब्ल्यू’ इस ‘जी ७’ ने अपनाए बुनियादी सुविधाओं के विकास प्रकल्पों की वजह से चीन को अपने ‘बीआरआय’ प्रकल्प की चिंता महसूस हो रही है। ‘जी ७’ का यह प्रकल्प चीन को लक्ष्य करनेवाला है। अगले दिनों में अपने निवेश का इस्तेमाल करके चीन गरीब देशों को अपने कर्ज के फंदे में फंसा नहीं सकेगा, यह प्रावधान करने में ‘जी ७’ जुटा होने की बात भी इससे स्पष्ट हो रही है। इससे चीन के निवेश एवं अर्थव्यवस्था को बड़े झटके लग सकते हैं।

विश्‍वभर के प्रमुख देशों की अपने खिलाफ हो रही एकजुट चीन को अधिक आक्रामक होने के लिए मज़बूर करेगा, यह दावा कुछ ज़िम्मेदार विश्‍लेषक कर रहे हैं। लेकिन, चीन की इस आक्रामकता पर प्रतिक्रियाएँ भी प्राप्त होंगी, ऐसा इशारा विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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