चीन को टक्कर देने के लिए अमरीका द्वारा ‘जी११’ का प्रस्ताव – भारत समेत रशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया का समावेश

वॉशिंग्टन – ‘वर्तमान समय में दुनिया में जो कुछ चल रहा है उसका उचित पद्धति से प्रतिनिधित्व, जी७ यह गुट कर रहा है ऐसा मुझे नहीं लगता। सात देशों का यह गुट अब कालबाह्य हो चुका है। इस कारण जून महीने में होनेवाली इस गुट की बैठक को स्थगित करने का निर्णय किया जा रहा है। यह बैठक शायद सितम्बर में अथवा उसके बाद भी होगी। उस समय इस गुट का विस्तार भी किया जायेगा। अमरीका इस गुट में ऑस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण कोरिया जैसे देश चाहती है। इन सबके समावेश के बाद यक़ीनन ही एक अच्छा प्रतिनिधित्व करनेवाला गुट तैयार हो सकता है’, इन शब्दों में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, ‘जी७’ गुट का रूपांतरण आगे चलकर ‘जी१०’ अथवा ‘जी११’ में होगा, ऐसे संकेत दिए।

America G11पिछले कुछ महीनों में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के ख़िलाफ़ बड़े राजनैतिक संघर्ष का मोरचा शुरू किया है। इसके तहत अमरीका अपने मित्रदेशों के साथ प्रत्येक क्षेत्र में चीन को झटके देने के और घेरने के प्रयास कर रही है। कोरोनावायरस की महामारी, हाँगकाँ और ‘५जी’ इन जैसे मुद्दों पर अमरीका को आंतर्राष्ट्रीय समुदाय से चीन के विरोध में अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है। लेकिन सिर्फ़ इन मुद्दों तक चीनविरोधी मोरचे को सीमित न रखते हुए उसकी व्याप्ति अधिक बढ़ाने के प्रयास ट्रम्प प्रशासन द्वारा चालू हैं। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘जी७’ गुट के विस्तार के संदर्भ में किया बयान इसीका भाग साबित होता है।

सन १९७३ में आये हुए ईंधन संकट की पृष्ठभूमि पर अमरीका की पहल से ‘जी७’ गुट की स्थापना की गयी थी। दुनिया की सात प्रमुख औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएँ, ऐसा स्वरूप होनेवाला यह गुट सन १९७५ में अधिकृत रूप में साकार हुआ। सन १९९८ में रशिया के समावेश के बाद इस गुट का रूपांतरण भी ‘जी८’ में हुआ था। लेकिन सन २०१४ में रशिया ने क्रिमिया पर कब्ज़ा करने के बाद इस देश को ‘जी८’ से निष्कासित कर दिया गया था। फिलहाल ‘जी७’ गुट के अमरीका, ब्रिटन, कॅनडा, जर्मनी, फ्रान्स, इटली और जापान ये प्रमुख देश सदस्य हैं।

गत कुछ वर्षों में चीन द्वारा, जागतिक महासत्ता होनेवाली अमरीका को हर एक क्षेत्र में चुनौती देने के प्रयास चालू हैं। इन्हीं प्रयासों के एक हिस्से के रूप में, चीन ने दुनिया की विभिन्न यंत्रणाओं तथा प्रमुख संस्थाओं पर नियंत्रण हासिल करने की गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। इनमें संयुक्त राष्ट्रसंगठन और उससे जुड़ीं संस्थाओं का समावेश है। कोरोनावायरस महामारी मामले में ‘डब्ल्यूएचओ’ यानी ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ ने अपनायी भूमिका में से, चीन की इस संगठन पर होनेवाली पकड़ दिखायी दी थी।

चीन द्वारा जारी होनेवाली इन हरकतों के ख़तरे को पहचानकर अमरीका ने, चीन को टक्कर देने के लिए दुनिया के अधिक से अधिक देशों को अपने पक्ष में मोड़ने की मुहिम शुरू की है। ‘जी७’ जैसे, चार दशकों से भी अधिक समय से सक्रिय होनेवाले गुट का प्रमुख देशों के साथ होनेवाला विस्तार इसी मुहिम का प्रमुख पड़ाव साबित होता है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने ‘जी७’ गुट के विस्तार के बारे में बात करते समय, उसमें रशिया के समावेश के भी संकेत दिये हैं। इस मुद्दे को लेकर ब्रिटन, जर्मनी और कॅनडा ये देश उनके विरोध में जा सकते हैं, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिये हैं।

G7‘जी७’ के विस्तार से पहले अमरीका ने इस गुट में अपना सक्रिय सहभाग अधिक बढ़ाने की तैयारी की है। ‘जी७’ गुट ने ‘आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र के लिए प्रस्तावित किये गुट की सदस्यता का अमरीका ने स्वीकार किया है। ट्रम्प प्रशासन के ‘चीफ टेक्नॉलॉजी ऑफिसर’ मायकल क्रॅटसिओस ने यह जानकारी दी। ‘जी७’ गुट ने दो साल पहले ‘ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन एआय’ की स्थापना का प्रस्ताव रखा था। एकिन उस समय अमरीका सहभागी ना हुई होने के कारण उसकी औपचारिक घोषणा होना बाक़ी था।

अमरीका का यह सहभाग ‘जी७’ गुट को चीन के ख़िलाफ़ अधिक आक्रमक करने की नीति का भाग माना जा रहा है। पिछले कुछ सालों में चीन ने ‘आर्टिफिशिअल इंटेलिजंस’ क्षेत्र में अच्छी बढ़त ली होकर, यह देश उसमें जागतिक वर्चस्व हासिल करने की कोशिश कर रहा है। चीन की इन गतिविधियों को रोकने के लिए, ‘जी७’ देशों ने स्थापन किया ‘ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन एआय’ यह गुट अहम भूमिका निभा सकता है।

इसी बीच, ‘जी७’ गुट का संभाव्य विस्तार और इस गुट ने ‘आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र के लिए स्थापन किये गुट की पृष्ठभूमि पर, भारत द्वारा एक महत्त्वपूर्ण निर्णय घोषित किया गया है। भारत सरकार ने ‘नॅशनल आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स पोर्टल ऑफ इंडिया’ को लॉन्च करने की घोषणा की है। यह पोर्टल भारत के ‘आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र के लिए बतौर ‘वन स्टॉप डिजिटल प्लॅटफॉर्म’ काम करेगा, ऐसी जानकारी देश के जानकारी एवं प्रौद्योगिकी (आयटी) विभाग से साझा की गयी।

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