तालिबान ने तुर्की को दी सेनावापसी करने की चेतावनी

सेनावापसीकाबुल – ‘अफ़गानिस्तान के तुर्की के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। तुर्की के साथ मित्रता से मित्रता का सहयोग है और इसे आगे भी बरकरार रखने की इच्छा है। लेकिन, नाटो के सदस्य देश के तौर पर बीते २० वर्षों से अफ़गानिस्तान में अपनी फौज तैनात रखनेवाला तुर्की अपने अन्य सहयोगी देशों के साथ अफ़गानिस्तान से पीछे हटे’, इन स्पष्ट शब्दों में तालिबान ने तुर्की को अफ़गानिस्तान से बाहर निकलने का इशारा दिया।

अफ़गानिस्तान में तुर्की के ५०० सैनिक तैनात है। नाटो की वापसी के बाद भी राजधानी काबुल में अपनी फौज तैनात रखने का प्रस्ताव तुर्की ने नाटो को दिया था। काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए यह तैनाती रखने का सुझाव तुर्की ने दिया था। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इस मुद्दे पर अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के साथ बातचीत करने की तैयारी में होने की खबरें प्राप्त हो रही थीं। लेकिन, उससे पहले ही तालिबान ने तुर्की का यह प्रस्ताव ठुकराया है।

अमरीका और नाटो के साथ बीते वर्ष हुए समझौते के अनुसार विदेशी सेना अफ़गानिस्तान से वापसी करेगी, यह तय हुआ था। तुर्की भी नाटो का सदस्य देश होने की वजह से वह भी अपने मित्रदेशों के साथ अफ़गानिस्तान से बाहर निकले, यह इशारा तालिबान के प्रवक्ता ने दिया है। बीते महीने तुर्की में आयोजित बैठक में शामिल होने से भी तालिबान दूर रहा था।

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