अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को अलग-थलग करने की तालिबान की योजना – अमेरिका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिली

मार्क मिलीवॉशिंग्टन/येकाटेरिनबर्ग – ‘तालिबान ने अफगानिस्तान के ३४ प्रांतों में से १७ प्रांतों की राजधानियों को घेरकर अफगानी सरकार और जनता की घेराबंदी की है। राजधानी काबुल के मामले में भी तालिबान ऐसी ही कार्रवाई करनेवाला है और यह तालिबान के दाँवपेंचों को मिली बढ़त साबित होती है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिली ने दी। उसी के साथ, तालिबान अफ़ग़ानिस्तान पर पूरा कब्ज़ा कर सकता है, ऐसी संभावना भी जनरल मिली ने व्यक्त की। इसी बीच, अफगानिस्तान में तालिबान को मिल रही कामयाबी को मद्देनज़र रखते हुए ताजिकिस्तान ने अफगान सीमा के पास युद्धाभ्यास शुरू किया है।

अफगानिस्तान के ८५ प्रतिशत भू भाग पर कब्जा करने का तालिबान ने दावा किया। अमरीका की तेज़ सेनावापसी के कारण तालिबान को यह सफलता मिली होकर, जल्द ही यह आतंकवादी संगठन पूरे अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करेगा, ऐसी चिंता व्यक्त की जाती है। लेकिन पिछले साल दोहा में अमरीका के साथ हुए समझौते के अनुसार, तालिबान के आतंकी राजधानी काबुल समेत अफगानिस्तान की प्रांतीय राजधानियों पर कब्ज़ा नहीं करेंगे, ऐसा तय हुआ था। इस कारण काबुल तथा अन्य प्रमुख शहर अफगानी सरकार के नियंत्रण में रहेंगे, ऐसा दावा किया जाता है।

मार्क मिलीयदि ऐसा हुआ, तो तालिबान के दांवपेंचों को मिली यह कामयाबी होगी, ऐसा अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिली ने बुधवार को माध्यमों को बताया। अफगानिस्तान के ज़िलों पर कब्ज़ा करके तालिबान प्रांतों की राजधानियों की जनता की बड़े पैमाने पर घेराबंदी कर रहा है, इस पर जनरल मिली ने गौर फरमाया। ‘पिछले हफ्ते में कतार में संपन्न हुई बैठक में भी इस बढ़त के ज़ोर पर तालिबान ने अफगान सरकार को झुकाने की कोशिश की। इस कारण, इसके बाद अफगानिस्तान का नेतृत्व और उसकी जनता की इच्छाशक्ति की परीक्षा ली जाएगी’, ऐसी चेतावनी अमरीका के रक्षाबलप्रमुख ने दी।

इसी बीच, अमरीका के लष्करी अधिकारी तथा पूर्व नेता, अफगानिस्तान जल्द ही तालिबान के हाथ में जाएगा, ऐसे संकेत लगातार दे रहे हैं। इसलिए अफगानिस्तान के उत्तरी ओर के उज़्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, इन रशिया से बाहर निकले देशों को चिंता लगने लगी है। इस पृष्ठभूमि पर, उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा पर अपनी तैनाती बढ़ाई है। वहीं, रशिया ने भी युद्धाभ्यास के उपलक्ष्य में अपने टैंक्स और लष्कर इन दोनों देशों की सीमा के करीब लाकर रखे हैं।

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