इराक में हुई लष्करी कार्रवाई के मुद्दे पर तुर्की और ईरान में तनाव – दोनों देशों के राजदूत को समन्स थमाया गया

अंकारा/तेहरान – अमरीका, इस्रायल और सौदी अरब के खिलाफ ईरान और तुर्की ने एकजूट की थी। इसमें अब दरार निर्माण होती दिख रही है। तुर्की की सेना की इराक में हुई तैनाती और लष्करी कार्रवाई बर्दाश्‍त ना करने की चेतावनी ईरान ने दी है। वहीं, अपने देश में ५२५ आतंकियों को पनाह दे रहें ईरान ने, तुर्की को आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों पर भाषण नहीं देना चाहिये, ऐसी फटकार तुर्की ने लगाई है। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरें के राजदूत को समन्स थमाया होने का वृत्त है।

लष्करी कार्रवाई

इराक में बीते हफ्ते हुए आतंकी हमले में १३ की मौत हुई थी। इसमें तुर्की के १२ सैनिक, जासूस एवं एक इराकी नागरिक का समावेश था। इस हमले के लिए कुर्द आतंकी ज़िम्मेदार होने का आरोप करके, तुर्की ने इराक के सरहदी क्षेत्र में लष्करी कार्रवाई की थी। साथ ही, तुर्की ने अपने सैनिक, टैंक भी इराक के उत्तरी सरहदी क्षेत्र में तैनात करने का दावा किया जा रहा है।

तुर्की की इस लष्करी कार्रवाई पर इराक के पड़ोसी ईरान ने आपत्ति जताई है। ‘तुर्की या किसी भी अन्य देश ने इराक में लष्करी दखलअंदाजी करना या सेना की तैनाती करना ईरान बिल्कुल बर्दाश्‍त नहीं करेगा। तुर्की की सेना तैनाती इराक की सुरक्षा के लिए खतरनाक है’, ऐसी आलोचना इराक में नियुक्त ईरान के राजदूत इराज मस्जिदी ने की।

लष्करी कार्रवाई

इसके साथ ही इराक में नियुक्त तुर्की के राजदूत फतिह यिल्दीझ ने सोशल मीडिया के माध्यम से ईरान के राजदूत को फटकार लगाई है। इराक की सीमा का सम्मान करने के मुद्दे पर तुर्की को भाषण देने का अधिकार ईरान को हो ही नहीं सकता, ऐसी फटकार यिल्दीझ ने लगाई।

‘आतंकवादविरोधी युद्ध में ईरान तुर्की के साथ है, यह महसूस हो रहा था। लेकिन, ईरान ने ५२५ कुर्द आतंकियों को पनाह दे रखी है’, यह आरोप ईरान में नियुक्त तुर्की के राजदूत देर्या ओऔर्स ने किया। इस तीखीं बयानबाज़ी के बाद तुर्की और ईरान ने एक-दूसरें के राजदूत को समन्स थमाया है।

इसी बीच, इराक में जारी लष्करी कार्रवाई और सेना तैनाती कुर्दों के विरोध में होने का बयान तुर्की कर रहा है। लेकिन, इसमें सच्चाई नहीं है और तुर्की इराक के ईंधन से भरें मोसूल प्रांत पर नज़रें बनाए हैं और इस प्रांत पर कब्जा करके तुर्की को ऑटोमन साम्राज्य स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाने हैं, यह आरोप खाड़ी क्षेत्र के माध्यम कर रहे हैं।

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