राष्ट्रीय संस्कृति उत्सव के लिए तवांग का चयन

इटानगर, दि. २४ (वृत्तसंस्था) – देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक उत्सव के लिए केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय ने अरुनाचल प्रदेश के तवांग का चयन किया है| मार्च में होने वाले उत्सव के अवसर पर अरुणाचल प्रदेश में कई मान्यवर मौजूद रह सकते है| सांस्कृतिक मंत्रालय ने किये इस फैसले को बहुत बड़ा राजनीतिक महत्त्व प्राप्त हुआ है | ‘तवांग यानी दक्षिण तिबेट है और यह अपना ही भूभाग है’ ऐसा दावा चीन द्वारा किया जाता है| इसी पृष्ठभूमि पर सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा किये गए इस फैसले पर चीन की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आना संभव है|

तवांगअरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने, ‘तवांग में राष्ट्रीय संस्कृति उत्सव आयोजित किया जाएगा’ ऐसा ऐलान किया| अगले साल २ से ६ मार्च के दौरान यह उत्सव आयोजित होनेवाला है| इस उत्सव को कई जानेमाने मान्यवरों का मौजूद होना अपेक्षित है| बौद्ध धर्मियों के धर्मगुरू और तिबेटी नेता दलाई लामा ये भी अगले साल मार्च महीने मे अरुणाचल प्रदेश में आने वाले है, ऐसी जानकारी कुछ हफ़्तें पहले अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दी थी| इसके बाद अब भारत का राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव तवांग में होने का ऐलान हुआ है| इसपर चीन की तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है| कुछ दिन पहले अरुणाचल प्रदेश में संपन्न हुए एक कार्यक्रम पर चीन ने यह तीखी प्रतिक्रिया दी थी|

अरुणाचल प्रदेश के इस कार्यक्रम में इस राज्य के मुख्यमंत्री के समेत असाम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और अमरीका के भारतस्थित उच्चायुक्त रिचर्ड वर्मा भी मौजूद थें | वर्मा ने इस उत्सव के फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किए थें | उसपर चीन ने तीव्र ऐतराज़ जताया था| ‘तवांग यह वादग्रस्त इलाका है| इसपर चीन का अधिकार है| ऐसे वादग्रस्त इलाके को भेंट देकर अमरीका के उच्चायुक्त ने नियमों का उल्लंघन किया है’ ऐसा दावा चीन के विदेश मंत्रालय ने किया था| साथ ही, भारत और चीन में आग लगाने का काम अमरीका कर रही है, ऐसी आलोचना भी चीन ने की थी|

‘भारत और चीन के बीच रहनेवाले सीमावाद का इस्तेमाल करके अमरीका दोनो देशों में झगड़ा बढ़ा रहा है, लेकिन यह झगड़ा होते हुए भी दोनो देशों की सीमारेखा पर शांति है| समझा-बुझाकर यह झगड़ा सुलझाने की चीन और भारत की भूमिका रही है’ ऐसा चीन की सरकारी मीडिया ने कहा था; लेकिन ऐसा कह कर भी इन झगड़ों में अमरीका अपनी नाक ना घुसेड़ें और भारत अमरीका की इन कोशिशों का साथ ना दें, ऐसा चीन की सरकारी मीडीया ने ज़ोर देकर कहा था |

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