टॅंक भेदी मिसाइल का निर्माण देश मे होगा

नई दिल्ली / जेरूसलम: लष्कर के लिए टॅंक भेदी ‘स्पाइक’ मिसाइल इस्रायल से खदेड़ने की प्रक्रिया सरकार ने रद्द की है। लगभग ५० करोड़ डॉलर्स के इस मिसाइल की खरीदारी रद्द होने के बाद, अब यह मिसाइल भारत में बनाया जाने वाला है। इसके लिए रक्षा संशोधन एवं विकास संस्था (डीआरडीओ) टॅंक विरोधी मिसाइल विकसित करेंगे ऐसा वृत्त है।

स्पाइक मिसाइल इस्रायल से खदेड़ने की प्रक्रिया शुरु हुई थी। इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किए गए थे। उसके बाद भारत के कल्याण ग्रुप और इस्रायल सरकार के ‘राफेल एडवांस्ड डिफेंस’ में करार हुआ था। उसके अनुसार हैदराबाद में इस मिसाइल के निर्माण केंद्र स्थापित किए जाने वाले हैं।

यह मिसाइल दुनिया में २६ देशों के लष्कर में फिलहाल इस्तेमाल किया जा रहा हैं। दिन हो या रात, अंधेरे में भी उपयोग में होने वाले इस मिसाइल में ढाई किलोमीटर अंतर पर शत्रु के टॅंक को अचुक रूप से भेदने की क्षमता है। इसकी वजह से इस्रायल के साथ इस मिसाइल के खरीदारी के लिए हुए प्रयत्न महत्वपूर्ण माने जा रहे थे।

भारत एवं इस्रायल में पिछले कुछ समय से रक्षा क्षेत्र में सहयोग बहुत ही सक्षम हुए हैं। ऐसे समय में इस्रायल के साथ शुरू हुई यह प्रक्रिया रद्द करके, भारत ने सभी को आश्चर्य का झटका दिया है। पर इस मिसाइल की खरीदारी की प्रक्रिया में तंत्रज्ञान हस्तांतरण का मुद्दा हस्तक्षेप कर रहा है, ऐसा कहा गया है। तंत्रज्ञान हस्तांतरण का मुद्दा यह प्रक्रिया आगे ले जाने के लिए बाधा कर रही है, ऐसा एक वरिष्ठ अधिकारीने कहा है।

अब यह मिसाइल ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत भारत में ही विकसित किया जाने वाला है। सरकारने ‘डीआरडीओ’ को यह मिसाइल विकसित करने के लिए कहा है। ‘डीआरडीओ’ ने इससे पहले भारतीय लष्कर के लिए नाग और अनामिका जैसे टाइम्स भेजने वाले मिसाइल सफलतापूर्वक विकसित किया है इसकी वजह से इस्रायल आने वाले तीन चार वर्षों में यह मिसाइल विकसित करेगा ऐसा विश्वास सरकार ने व्यक्त किया है।

दौरान, स्पाइक की खरीदारी की प्रक्रिया रद्द होने के संदर्भ में भारत से कोई भी चर्चा न होने की बात इस्रायल ने कही है।

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