चीन के रक्षा मंत्री शांग फू के गायब होने के दावे

बीजिंग – चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू के गायब होने की बड़ी जमकर चर्चा हो रही है। मार्च महीने में ही शांग फू ने चीन के रक्षा मंत्री पद की बागड़ोर संभाली थी। इसके साथ ही उन्होंने अमरीका के विरोध में बड़ी आक्रामक नीति अपनाई थी। चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के करीबी के तौर पर शांग फू की पहचान हैं। इससे पहले चीन के विदेश मंत्री होते हुए क्विन गैन्ग एकाएक गायब हुए थे। बाद में उन्हें पद से हटाया गया था और उनकी जगह वैन्ग यी की नियुक्ति की गई थी। क्विन गैन्ग और ली शांग फू यह दोनों भी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के भरोसेमंद सहयोगी कहे जाते है। इस वजह से उनके विषय में सामने आ रही संदिग्ध खबरें राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अब चीन में पहले जितने ‘पॉवरफुल’ नहीं रहे, यही दर्शाती है, ऐसे दावे कुछ विश्लेषक कर रहे हैं।

चीन के रक्षा मंत्री शांग फू के गायब होने के दावेजापान में नियुक्त अमरीका के राजदूत ने यह कहा है कि, चीन के रक्षा मंत्री ली शांग फू जनता के सामने नहीं आ रहे हैं। उनके इस दावे ने सनसनी फैलायी है और सोशल मीडिया पर इसकी बड़ी चर्चा शुरू हुई है। १५ दिन पहले रक्षा मंत्री शांग फू ने बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात की थी। इसके बाद वह किसी से भी नहीं मिले हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है। क्विन गैन्गन विदेश मंत्री थे तब वह भी यकायक इसी तरह से गायब हुए थे। बाद में उनकी जगह वैन्ग यी को विदेश मंत्री बनाने की खबरें सामने आयी थी। शांग फू के साथ भी ऐसा ही हो सकता है, ऐसा कुछ लोगों का दावा है।

खास तौर पर क्वि गैन्ग और शांग फू यह दोनों भी चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के भरोसेमंद सहयोगी कहे जाते हैं। इसी कारण से उन्हें बड़े अहम पद पर नियुक्त किया गया था। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के नेतृत्व को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से ही चुनौती मिलने लगी हैं। इस वजह से जिनपिंग अब पहले उतने ताकतवर नेता नहीं रहें। उल्टा किसी भी क्षण जिनपिंग को राष्ट्राध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है, ऐसा दावा कुछ विश्लेषकों ने किया है।

इसी के ड़र से राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग चीन से बाहर नहीं निकल रहे हैं, ऐसा कुछ विश्लेषकों का कहना है। जिससे दूर रहना मुमकिन नहीं हैं, ऐसी बैठक एवं द्विपक्षीय दौरों के लिए ही जिनपिंग चीन से बाहर निकलते हैं, क्यों कि राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अब काफी असुरक्षित हुए हैं, ऐसा यह विश्लेषक कह रहे हैं।

कोरोना की महामारी के बाद जिनपिंग ने अपनाई नीति से चीन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा हैं। इसके साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था जिनपिंग की बेताल नीति की वजह से ही ढ़हने की कगार पर होने की आलोचना शुरू हुई है। रिकार्ड स्तर की बेरोजगारी और महंगाई के कारण चीन की जनता जिनपिंग पर काफी गुस्सा हैं और आने वाला हर दिन जिनपिंग के सामने नई चुनौती लेकर ही आ रहा हैं, ऐसे दावे पश्चिमी माध्यम भी करने लगे हैं। चीनी जनता का असंतोष अनदेखा करना कम्युनिस्ट हुकूमत के लिए भी कठिन हो रहा है। इस वजह से माओ के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता कहे जा रहे जिनपिंग अब कमज़ोर हो रहे हैं। ऐसे में ली शांग फू के गायब होने की खबर जिनपिंग के सामने मुश्किलें अधिक बढ़ने की बात दर्शा रही हैं।

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