रक्षादल प्रमुखों को दिए विशेष अधिकारों का पूरा इस्तेमाल होना चाहिए – रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली: ‘पिछले दशक मे निर्णय लेने मे हुई देरी की वजह से देश की रक्षा सिद्धता मे खामियां रह गई है। इस को मात देकर रक्षा सिद्धता बढाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। इसीलिए रक्षादल प्रमुखों को सरकार ने विशेष अधिकार प्रदान किये है। उनका पूरा इस्तेमाल होना चाहिए’, ऐसी अपेक्षा रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने की है। भारतीय वायुसेना की ‘कमांडर्स कांफ्रेंस’ को संबोधित करते समय सीतारामन बोल रहीं थी।

रक्षादलराजधानी नई दिल्ली मे वायुसेना के कमांडर्स की बैठक शुरू है, पिछले कुछ दिनों से भारतीय वायुसेना की गतिविधियाँ बढ़ गई है और वायुसेना प्रमुख बी. एस. धनोआ किये हुए विधानों ने देश विदेश के विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया है। भारतीय वायुसेना एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान का सामना करने के लिए तैयार है, ऐसा बी. एस. धनोआ ने कहा था। वर्तमान मे दो मोर्चों पर युद्ध के लिए आवश्यक प्रमाण मे लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के पास उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसका अर्थ वायुसेना दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार नहीं है ऐसा नहीं होता, ऐसा वायुसेना प्रमुख ने स्पष्टरूप से कहा है। इसके लिए वायुसेना के पास दूसरा विकल्प तैयार होने का दावा वायुसेना प्रमुख धनोआ ने किया है।

इस पृष्ठभूमि पर, रक्षामंत्री सीतारामन वायुसेना के ‘कमांडर्स कांफ्रेंस’ को संबोधित कर रहीं थी। ‘पिछले दशक मे निर्णयप्रक्रिया मे हुई देरी की वजह से देश के रक्षा मोर्चे पर कुछ खामियां रह गई है। इन खामियों को दूर करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। इसके लिए रक्षादल प्रमुखों को विशेष अधिकार प्रदान किये गए है। उनका पूरा इस्तेमाल हो और रक्षादल की क्षमता मे आवश्यक बढ़ोत्तरी की जाए,’ ऐसी अपेक्षा रक्षामंत्री सीतारामन ने व्यक्त की है।

कुछ महिनों पहले केंद्र सरकार ने रक्षादल प्रमुखों को तेजी से रक्षा सामग्री की खरीदारी के लिए बड़ा निधि उपलब्ध करके दिया था। इस बारे मे पूरे अधिकार रक्षादल प्रमुखों को दिए गए है। इसका सन्दर्भ इस समय सीतारामन ने दिया। इस वजह से रक्षा सामग्री की खरीदारी की प्रक्रिया मे रुकावट नहीं आएगी, ऐसा विश्वास व्यक्त करके इस वजहसे देश की रक्षा सिद्धता बढने के दावे किये जा रहे है।

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