चीन और पाकिस्तान का अडंगा दूर करके सुरक्षा परिषद ने किया पुलवामा के कायराना हमले का निषेध – भारत की बडी राजनयिक जीत

संयुक्त राष्ट्रसंघ: ‘पुलवामा’ में हुए पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी हमले को सात दिन होने पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने इस हमले पर कडे शब्दों में निंदा की है| चीन ने अडंगा करने की कोशिश करने से यह निंदा करने के लिए सुरक्षा परिषद को सात दिन लगे| लेकिन, पुलवामा हमले की निंदा करते समय संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने आतंकी ‘जैश ए मोहम्मद संगठन के साथ इस संगठन का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का स्पष्ट शब्दों में जिक्र करने से भारत को इस मोर्चे पर बडी कामयाबी हासिल हुई है| यह भारत के लिए बडी राजनयिक जीत साबित हो रही है| यह प्रस्ताव इस तरह से मंजूर ना हो इस लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त पाकिस्तान की राजदूत मलिहा लोधी इन्होंने काफी लोगों की भेंट करने का वृत्त है| लेकिन, पाकिस्तान और चीन ने की कडी कोशिश के बावजूद यह प्रस्ताव मंजूर होता दिखाई दिया है|

चीन, पाकिस्तान, अडंगा दूर, करके, सुरक्षा परिषद, किया, पुलवामा, कायराना हमले, निषेध, भारत, बडी, राजनयिक जीतभारत के संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त राजदूत सईद अकबरुद्दीन इन्होंने इस प्रस्ताव का स्वागत किया| सुरक्षा परिषद के सभी के सभी १५ सदस्यों ने इस ठराव का पक्ष रखा| इस में चीन का भी समावेश रहा| शुरूआती समय में चीन ने यह प्रस्ताव मंजूर ना हो और इस प्रस्ताव में आतंकवाद, ‘जैश’ और अजहर’ के नाम का समावेश ना हो, इस लिए कोशिश की थी| साथ ही कुछ तांत्रिक मुद्दे उपस्थित करके चीन ने यह प्रस्ताव संमत करने की प्रक्रिया को देरी करने की कोशिश भी की|

पाकिस्तान की राजदूत मलिहा लोधी इन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ऐंतोनिओ गुतेरस इनकी एवं अन्य अधिकारियों की भेंट करके यह प्रस्ताव मंजूर ना हो, इस लिए बडी कोशिश की| भारत ने इस प्रस्ताव के लिए आक्रामक भाषा अपनाने पर जोर दिया था| भारत की इस पहले के लिए अमरिका, फ्रान्स, ब्रिटेन ने पूरा समथ४न दिया| यही बात चीन को परेशान कर रही थी| इसलिए चीन ने भी इस प्रस्ताव का विरोध करने की कोशिश भी की|

लेकिन, अमरिका और फ्रान्स के अलावा ब्रिटेन ने यह प्रस्ताव दर्ज भाषा के प्रयोग के साथ ही मंजूर करने का पक्ष रखा| भारत के साथ इन देशों ने अपनाई आक्रामकता पर चीन ने आखिरकार विवश हो कर मंजूरी दी| भारत के लिए यह बडी राजनयिक सफलता साबित होती है| इसके पहले मौलान मसूद अजहर के विरोध में भारत के साथ अन्य देशों ने सुरक्षा परिषद के सामने कार्रवाई करने के लिए रखा प्रस्ताव चीन ने नकाराधिकार का इस्तेमाल करके ठुकराया था| उस समय भारतीय जनता ने क्रोध जताया था| इस पृष्ठभूमि पर अब की बार चीन इस प्रस्ताव में मजबूत अडंगा लाने से चीन दूर रहा| फिर भी इस प्रस्ताव को विरोध जताकर चीन ने पाकिस्तान के साथ बनी मित्रता का ख्याल रखने की पुरी कोशिश की|

चीन, पाकिस्तान, अडंगा दूर, करके, सुरक्षा परिषद, किया, पुलवामा, कायराना हमले, निषेध, भारत, बडी, राजनयिक जीतपुलवामा में हुए कायराना हमले की निंदा करते समय सुरक्षा परिषद ने इस प्रस्ताव में सभी स्वरूप के आतंकवाद की कडे शब्दों में निंदा की| साथ ही अन्य सभी देश आतंकविरोधी कार्रवाई के लिए भारत की सहायता करे, यह उम्मीद भी सुरक्षा परिषद ने जताई| साथ ही पुलवामा में हमले के लिए पहल करनेवालों को सजा करने के लिए सभी यंत्रणा सहयोग करे, यह कहकर इस प्रस्ताव के माध्यम से पाकिस्तान को कडी चेतावनी दी जाने की बात भी सामने आ रही है|

सुरक्षा परिषद ने पूरी सहमती से यह प्रस्ताव मंजूर करना अंतरराष्ट्रीयस्तर पर भारत के बढते प्रभाव की गवाही देती है| यह पाकिस्तान के लिए चिंता हो सकती है| लेकिन, अमरिका, फ्रान्स, ब्रिटेन ने पुलवामा के हमले के बाद भारत के पक्ष दिया समर्थन और इस्रायल से लेकर ईरान तक सभी देशों ने भारत को सहयोग करने के लिए दिखाई तैयारी ने पाकिस्तान पर काफी दबाव बनाया है| इस हमले के बाद अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान की आतंकी नीति पर कडे शब्दों में निंदा की है| इस परिस्थिति में जागतिक स्तर पर पाकिस्तान की घेराबंदी होती दिखाई दे रही है|

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