वैज्ञानिक ‘एआय’ तकनीक, अंतरिक्ष और सायबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रीत करें – ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख सतीश रेड्डी

नई दिल्ली – अगली पीढ़ी की प्रगत तकनीक का विकास करने पर वैज्ञानिक ध्यान केंद्रीत करें, ऐसा निवेदन ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख सतीश रेड्डी ने किया है। ‘डीआरडीओ’ के ६३ वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में रेड्डी बोल रहे थे।

drdo-scientists-indiaरक्षा उत्पादन क्षेत्र के उद्योग के विकास की बड़ी क्षमता ‘डीआरडीओ’ रखती है। प्रगत तकनीक की सहायता से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा संस्था, अनुसंधान और विकास संगठन एवं उद्योगों को एकजुट होना चाहिए, ऐसा बयान सतीश रेड्डी ने किया। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने भविष्य की ज़रूरतों पर ध्यान देने की आवश्‍यकता होने की बात भी उन्होंने रेखांकित की। भारत को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’, अंतरिक्ष, सायबर सुरक्षा जैसी भविष्य की ज़रूरतों पर ध्यान देना होगा, यह बयान भी ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख ने किया है।

‘डीआरडीओ’ ने शुरू की हुई योजनाओं के लिए देश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) कई प्रकार के पुर्जों की आपूर्ति कर रहे हैं। लेकिन, अब यह उद्योग नए विकास में भागीदार हैं। प्रतिवर्ष देश के कम से कम ३० ‘स्टार्टअप्स्‌’ ने रक्षाबलों के लिए नवीनता से भरे प्रगत उत्पादन बनाने के लिए सहयोग करने की आवश्‍यकता है। ‘डीआरडीओ’ लंबे समय की भागीदारी की कोशिश कर रही है, यह बात भी ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख रेड्डी ने साझा की।

‘डीआरडीओ’ को प्रगत और नवीन अनुसंधान की ओर ध्यान केंद्रीत करना होगा। इसके साथ ही इस अनुसंधान को उत्पादन में तब्दील करना ज़रूरी है। साथ ही उद्योगों ने यह तकनीक प्राप्त करके आवश्‍यक बुनियादी सुविधाओं के साथ इसे बाज़ार में उपलब्ध करना होगा, यह निवेदन भी रेड्डी ने किया है।

देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए फिलहाल बड़ी मात्रा में कोशिशें की जा रही हैं। देश में ही रक्षा सामान के निर्माण के साथ इसकी निर्यात पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए निजी क्षेत्र का सहयोग बढ़ाया जा रहा है। वर्ष २०२५ तक भारत ने लगभग १.७५ लाख करोड़ रुपयों के रक्षा सामान का निर्यात करने का लक्ष्य तय किया है। हाल ही में ‘आकाश’ मिसाइल की निर्यात के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। ‘आकाश’ मिसाइलें प्राप्त करने के लिए ९ देशों ने उत्सुकता दिखाई है और रक्षा सामान का सबसे अधिक आयात करनेवाला भारत रक्षा सामान का निर्यातक देश के तौर पर सामने आ रहा है। इस पृष्ठभूमि पर रेड्डी ने अब अगली प्रगत तकनीक के विकास पर जोर देने के लिए वैज्ञानिकों से निवेदन करना अहमियत रखता है। इसी बीच ‘डीआरडीओ’ के प्रमुख रेड्डी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की।

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