भारतीय सेना का मुक़ाबला करनेवालों का विनाश होगा – रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत

नई दिल्ली – ‘भारतीय सैनिकों का मनोबल अत्युच्च श्रेणि का है और जो कोई भारतीय सेना का मुकाबला करने के लिए सामने आयेगा, उसका विनाश होकर वह बरबाद हुए बिना नहीं रहेगा’, ऐसा रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने कहा है। अरुणाचल प्रदेश और असम में चीन से सटी एलएसी पर तैनात लष्कर की चौकियों को जनरल रावत ने भेंट दी। यहाँ की सुरक्षा का जायज़ा लेकर जनरल रावत ने सैनिकों से ठेंठ संवाद किया। उसके बाद चीन को चेतावनी देनेवाला यह बयान रक्षाबलप्रमुख ने किया है।

लद्दाख की एलएसी पर भारत और चीन की सेना एक-दूसरे के सामने खड़ी है। चीन की टक्कर की तैनाती करके भारत ने चीन को मुँहतोड़ जवाब दिया। अब प्रचारयुद्ध का आसरा लेकर, चीन उसने भारत को मात दी होने का चित्र खड़ा कर रहा है। लेकिन लद्दाख की एलएसी पर भारत चीन की तुलना में बहुत ही मज़बूत स्थिति में है, इसका यक़ीन तटस्थ सामरिक विश्‍लेषक दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में चीन, एलएसी के अन्य भागों से लेकर हिंद महासागर क्षेत्र तक, भारत के सामने नयी चुनौती खड़ी करने की तैयारी कर रहा होने की ख़बरें आ रहीं हैं।

एक दिन पहले चीन ने तिब्बत की सीमा तक रेल लाईन सक्रिय की होने की ख़बरें आयी थीं। यह स्थान अरुणाचल प्रदेश की एलएसी के नज़दीक है। अरुणाचल प्रदेश यानी ‘दक्षिण तिब्बत’ होने का दावा करके, उसपर अपना अधिकार चीन ने जताया था। भारत ने हालाँकि समय समय पर चीन का यह दावा ठुकराया है, फिर भी यहाँ की एलएसी पर चीन की हरक़तें भारत की सुरक्षा को चुनौती देनेवालीं साबित हो रहीं हैं। इस पृष्ठभूमि पर, तिब्बत की सीमा तक आये हुए चीन के रेलमार्ग का महत्त्व बढ़ा है। उसकी दखल लेकर रक्षाबलप्रमुख ने अरुणाचल प्रदेश और असम की एलएसी की भेंट की दिखायी दे रही है।

इस भेंट में रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने, भारतीय सैनिकों का मनोबल उच्च श्रेणि का होकर, उनसे टक्कर लेने की क्षमता चीन के पास नहीं है, यह अलग शब्दों में स्पष्ट किया। जो कोई भारतीय सेना का मुकाबला करने के लिए सामने आयेगा, उसका विनाश होकर वह बरबाद हुए बिना नहीं रहेगा, इन शब्दों में जनरल रावत ने सैनिकों के साहस की खुले दिल से प्रशंसा की।

साथ ही, यहाँ के वातावरण में केवल भारतीय सैनिक ही अपना कर्तव्य निभा सकते हैं। भारतीय सैनिकों को अपना कर्तव्य निभाने से और उनके निर्धार से कोई भी दूर नहीं कर सकता, ऐसा जनरल रावत ने आगे कहा। उसीके साथ, गश्ती और टोह के लिए भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाई जानेवाली कल्पकता की भी जनरल रावत ने दाद दी।

कुछ दिन पहले लष्करप्रमुख जनरल नरवणे ने लद्दाख की एलएसी का दौरा किया था। उस समय, चीन के लष्कर के बिल्कुल क़रीब होनेवाले ‘रेचिन ला’ में स्थित भारतीय लष्कर की चौकी पर जनरल नरवणे पहुँचे थे। इसके द्वारा भारतीय लष्कर से चीन को क़रारा संदेश दिया जा रहा दिख रहा है। वायुसेनाप्रमुख आरकेएस भदौरिया ने चीन को कड़े शब्दों में समझाया था। लद्दाख की एलएसी पर तनाव चीन के हित में नहीं है, इससे चीन की बहुत बड़ी हानि होगी, ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने कहा था।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने भी चीन को सीधे सीधे शब्दों में खरी खरी सुनायी थी। ‘भारत अपनी एक इंच भूमि पर भी किसीको कब्ज़ा करने नहीं देगा। बल का इस्तेमाल करके एलएसी की स्थिति बदली नहीं जा सकती’, ऐसा राजनाथ सिंग ने कहा था। वायुसेना के एक कार्यक्रम में बात करते समय भी रक्षामंत्री ने, भारत किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए सिद्ध होने का एहसास चीन को करा दिया है।

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