सौदी और अरब देश तुर्की पर संपूर्ण बहिष्कार घोषित करें – सौदी के अधिकारी का आवाहन

रियाध – सौदी अरब और अन्य अरब देशों पर ज़हरीली आलोचना कर रहे तुर्की को आर्थिक झटका देने के संकेत सौदी ने दिए हैं। तुर्की से हो रहा निर्यात, निवेश के साथ साथ तुर्की के पर्यटन पर पूरी तरह से बहिष्कार करें। जो भी कुछ तुर्की का है, उस सभी पर बहिष्कार करें। तुर्की पर बहिष्कार करना सौदी के हरएक नागरिक का कर्तव्य होने का आवाहन सौदी अरब के ‘चेंबर ऑफ कॉमर्स’ ने किया है। कुछ दिन पहले तुर्की ने खाड़ी क्षेत्र की अस्थिरता के लिए सौदी ज़िम्मेदार होने का ठिकरा फोड़ा था। इस पर सौदी से यह तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।

saudi-boycott-turkeyतुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन इस्लामी देशों का नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा रखते हैं और इसे पूरा करने लिए वे पाकिस्तान, अज़रबैजान और मलेशिया जैसे देशों को साथ मिलाने की कोशिश करने में जुटे होने का दावा किया जा रहा है। बीते सप्ताह में तुर्की की संसद में किए गए भाषण में सौदी अरब और खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों पर आलोचना करके राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने ऐसे स्पष्ट संकेत भी दिए थे। ‘खाड़ी क्षेत्र के कुछ देश तुर्की को जानबूझकर लक्ष्य कर रहे हैं। इन देशों की गलत नीति की वजह से ही खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण हुई है। लेकिन, जो देश तुर्की पर सवाल उठा रहे हैं, उन देशों का अस्तित्व भी नहीं था और भविष्य में भी उन्हें स्थान प्राप्त नहीं होगा। लेकिन, आनेवाले दौर में तुर्की का राष्ट्रध्वज इस क्षेत्र में लगातार लहराता रहेगा’, यह ऐलान राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने किया।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किए इस बयान पर सौदी से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। सौदी के ‘चेंबर ऑफ कॉमर्स’ के अध्यक्ष ‘अजलान अल अजलान’ ने तुर्की पर सर्वंकष बहिष्कार करने का आवाहन किया है। सौदी का नेतृत्व, सौदी और सौदी की जनता के विरोध में ज़हर उगल रहे तुर्की को इसके आगे जवाब देना ही होगा, यह बयान अजलान ने किया। अजलान के इस आवाहन पर सौदी एवं पड़ोसी अरब देशों की जनता का भी रिस्पान्स प्राप्त होने का दावा किया जा रहा है। दो महीने पहले सौदी के व्यापारी गुट ने तुर्की पर बहिष्कार किया था। इसके कारण इराक के रास्ते सौदी पहुँच रहे तुर्की के कई ट्रक्स सीमा पर फंसे पड़े थे। इसी बीच सौदी ने तुर्की का किया बहिष्कार कामयाब हुआ तो इसका तुर्की की अर्थव्यवस्था पर असर होने की संभावना भी जताई जा रही है।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इस्लामी जगत का नेतृत्व करने के सपने देख रहे हैं। इसके लिए उन्होंने इस्रायल और भारत जैसे देशों के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई है और अरब-इस्लामी देशों में सौदी की अहमियत कम करने की कोशिश की है। इस पर सौदी से प्रतिक्रिया प्राप्त करना सहज प्रक्रिया है। आनेवाले दिनों में तुर्की और सौदी के बीच तनाव अधिक बढ़ेगा और दोनों देशों के संबंध टूटने की कगार पर जाने की कड़ी संभावना की बात भी इससे सामने आ रही है।

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