ईरान-तुर्की के प्रभाव को रोकने पर सऊदी-बाहरीन का एकमत

मनामा – खाड़ी क्षेत्र तथा अरब देशों में ईरान की दखलअंदाजी और तुर्की का विस्तारवाद कम करने के लिए सऊदी अरब और बाहरीन संयुक्त रूप में प्रयास करनेवाले हैं। सऊदी के विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा की। इराक, सिरिया तथा पर्शियन खाड़ी में ईरान और तुर्की की बढ़ती दखलअंदाजी की पृष्ठभूमि पर, सऊदी और बाहरीन में यह सहयोग स्थापित हुआ दिख रहा है।

saudi-bahrain-iran-turkeyसऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल बिन फरहान ने तीन दिन पहले बाहरीन का दौरा किया था। इस समय प्रिन्स फैझल ने बाहरीन के क्राऊन प्रिन्स सलमान बिन हमाद से मुलाकात की। रिफा अल-झहीर पॅलेस में हुई इस बैठक में क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय गतिविधियों पर चर्चा हुई, ऐसा सऊदी के विदेश मंत्रालय ने बताया। इस बैठक में ही अरब और खाड़ी क्षेत्र के देशों में ईरान का बढ़ता प्रभाव और तुर्की की विस्तारवादी नीति को रोकने के लिए एकजुट से कदम उठाने पर एकमत हुआ ।

‘दोनों देशों के सुरक्षा विषयक हितसंबंधों को समान चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण आतंकवाद जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए और हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए सऊदी और बाहरीन को एकत्रित आना ही पड़ेगा’, ऐसा बाहरीन के क्राऊन प्रिन्स सलमान ने कहा। सऊदी और बाहरीन के बीच के ऐतिहासिक संबंधों का हवाला क्राऊन प्रिन्स सलमान ने इस समय दिया।

सऊदी और बाहरीन की सुरक्षा और स्थिरता के लिए यह सहयोग आवश्यक है। द्विपक्षीय और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भूमिका अपनाने के लिए भी इस सहयोग का फायदा हो सकता है, इसपर सऊदी और बाहरीन के नेताओं में एकवाक्यता हुई, ऐसा सऊदी के विदेश मंत्रालय ने घोषित किया। उसके बाद सऊदी के विदेश मंत्री ने बाहरीन के विदेश मंत्री अब्दुललतिफ अल-झयानी से भेंट की। दोनों देशों में स्थापित हुए ‘सौदी-बाहरिनी कोऑर्डिनेशन काऊन्सिल’ के तहत यह चर्चा संपन्न हुई।

खाड़ी क्षेत्र तथा अरब देशों में ईरान की दखलअंदाजी पर सऊदी ने इससे पहले भी चिंता व्यक्त की है। इराक, सिरिया, लेबेनॉन, येमन तथा फिलिस्तीन में ईरान अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठन इराक, येमेन से अपनी सुरक्षा को चुनौती दे रहे होने का आरोप सऊदी कर रहा है। इराक स्थित ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठन, इस मुद्दे पर सऊदी और इराक के बीच हाल ही में बैठक संपन्न हुई। इसके अलावा, दुनिया भर के अरब-इस्लामी देशों का नेतृत्व करने की कोशिश में होनेवाले तुर्की के साथ होनेवाले सऊदी के संबंधों में बेहद तनाव निर्माण हुआ है।

वहीं, इस्रायल के साथ ‘अब्राहम समझौता’ करके सहयोग स्थापित करनेवाले बाहरीन की, ईरान और तुर्की ने जोरदार आलोचना की थी। इन दोनों देशों ने, इस्रायल के साथ बन रहे सहयोग के गंभीर परिणाम बाहरीन को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी धमकी दी थी। इस पृष्ठभूमि पर, सऊदी और बाहरीन के वरिष्ठ नेताओं में हुई इस बैठक का महत्व बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है।

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