रशिया, सिरिया की तुर्की से जुड़े आतंकियों पर जोरदार कार्रवाई – हमले रोकने के लिए तुर्की का रशिया को आवाहन

दमास्कस – रशिया और सिरियन लष्कर ने अलेप्पो, हमा और राक्का इन तीन प्रांतों में आतंकवादियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई हाथ में ली है। रशिया और सिरिया ने कम से कम १०० से भी अधिक हमले किए होने का दावा किया जाता है। ‘आयएस’, ‘अल-नुस्र’ तथा तुर्की से जुड़े आतंकवादी संगठनों द्वारा संघर्ष बंदी का उल्लंघन जारी है। इस कारण सिरिया और रशिया ने यह कार्रवाई हाथ में ली, ऐसा कहा जाता है। इसी बीच, गुरुवार को की कार्रवाई में कुछ रॉकेट्स तुर्की के दक्षिणी सीमाभाग में गिरे हैं। इसके बाद तुर्की ने रशिया को हमले रोकने का आवाहन करके अपने लष्कर को अलर्ट पर रखा है।

syria-russiaरशिया के रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी के अनुसार, पिछले दो दिनों में आतंकवादियों द्वारा सिरिया के उत्तर और वायव्य भाग में ३६ बार संघर्ष बंदी का उल्लंघन हुआ। इनमें इदलिब में १५ तथा लताकिया १२, हमा ६ और अलेप्पो में तीन बार संघर्षबंदी का भंग करके रिहायशी तथा लष्करी स्थानों के नजदीक हमले हुए। इसके अलावा अन्य कुछ भागों में भी संघर्ष बंदी का उल्लंघन तथा ईंधन की तस्करी जारी होने का आरोप रशियन रक्षा मंत्रालय ने किया है। इसके पीछे ‘आयएस’, ‘अल-नुस्र’ और सिरिया स्थित तुर्की से जुड़े आतंकवादी गुट होने का आरोप रशिया और सिरिया कर रहे हैं।

रशिया और सिरिया ने संयुक्त रूप में की इस कार्रवाई में आतंकवादियों की कितनी जीवित हानि हुई, उसका विवरण सामने नहीं आया है। लेकिन तुर्की से जुड़े आतंकवादियों ने किए एक हमले में तीन बच्चों की मृत्यु होने का दावा स्थानिक माध्यम कर रहे हैं। आतंकवादी संगठनों के इस हमले के बाद रशिया और सीरिया ने पिछले चौबीस घंटों में बड़ी मुहिम हाथ में ली है। रशिया और सिरिया ने आतंकवादियों के स्थानों पर कम से कम १०० से भी अधिक हवाई हमले करने का दावा किया जाता है। अलेप्पो-हमा-राक्का इन्हें जोड़नेवाले भाग में छुप कर बैठे ‘आयएस’ के आतंकियों पर रशिया और सिरियन लष्कर ने कार्रवाई की।

देर अल-झोर के ‘माऊंट अल-बाशरी’ भाग में रशिया ने लगभग ८० हमलें किए होने का दावा स्थानिक सूत्रों ने किया है। वहीं, फिलहाल तुर्की के नियंत्रण में होनेवाले वायव्य सिरिया के अलेप्पो स्थित ईंधन प्रकल्पों को रशिया ने लक्ष्य किया। इन इंधन प्रकल्पों पर तुर्की ने कब्ज़ा किया है।

सिरिया स्थित कुर्दों से तुर्की को खतरा है, ऐसे दावे ठोककर तुर्की सीरिया के भूभाग में घुसपैठ कर रहा है। लेकिन तुर्की को सीरिया के ईंधन क्षेत्र पर कब्जा करना है और इसके लिए ही तुर्की यह सब करा रहा है, ऐसा आरोप किया जाता है। इस पृष्ठभूमि पर, रशिया के ये हमले तुर्की को बहुत बड़ा झटका देनेवाले साबित होते हैं।

syria-russiaपिछले दस दिनों में रशिया ने सीरिया स्थित, तुर्की से जुड़े आतंकियों पर किया यह दूसरा हवाई हमला है। रशिया के इन हमलों के बाद पर तुर्की से तुरंत प्रतिक्रिया आई होकर, रशिया इस भाग में हमले रोकें, ऐसा आवाहन तुर्की ने किया है। साथ ही तुर्की ने अपने लष्कर को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं।

गुरुवार को सिरियन लष्कर ने तुर्की के कब्जेवाले उत्तरी भाग में रॉकेट हमले किए। इनमें से कुछ रॉकेट्स सिरिया की सीमा लांघकर तुर्की के इलाक़े में गिरे। इसमें किसी भी प्रकार की जीवित हानि नहीं हुई। इसपर तुर्की ने फिर एक बार रशिया के पास अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। साथ ही, सिरिया ये हमले ना करें, ऐसी माँग तुर्की ने की होने की खबरें आ रही हैं।

सिरिया के सीमाभाग में तथा उससे भी आगे जाकर सिरिया का इंधन क्षेत्र हथियाने वाले तुर्की को रशिया और सिरिया के हमलों द्वारा कड़ी चेतावनी मिली है। अमरीका में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का प्रशासन सत्ता में होकर, आनेवाले समय में तुर्की को अमरीका से सहायता मिलने की संभावना कम होती चली जा रही है। उसी समय, सऊदी, युएई इन खाड़ी क्षेत्र के देशों समेत ही ग्रीस, सायप्रस इन देशों के साथ के तुर्की के संबंध बहुत ही बिगड़ गए हैं। ऐसी स्थिति में सिरिया में तुर्की को लगा यह झटका, इस देश के सामने नई चुनौती खड़ी होने की बात दर्शा रहा है।

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