रशिया ईरान को सीरिया से बाहर नहीं निकाल सकता – इस्राइल में स्थित रशिया के राजदूत का विधान

तेल अवीव: ‘जिस तरह से सीरिया में स्थित ईरान के अड्डों पर इस्राइल की तरफ से हो रहे हमलों को रशिया रोक नहीं सकता। उसी तरह से रशिया ईरान को सीरिया से बाहर नहीं निकाल सकता’, ऐसी टिप्पणी इस्राइल में स्थित रशियन राजदूत ‘एंटोली व्हिक्टोरोव्ह’ ने की है। साथ ही सीरिया के युद्ध में ईरान का सहभाग वैध है और आतंकवाद विरोधी संघर्ष में ईरान की तरफ से बड़ी सहायता मिलने का दावा भी उन्होंने किया है।

इस्राइल के न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार में बोलते समय व्हिक्टोरोव्ह ने ईरान सीरिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, ऐसा कहकर सीरिया में ईरान की सैन्य तैनाती का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के मापदंडों के अनुसार सीरिया में ईरानी लष्कर की तैनाती पूरी तरह से क़ानूनी होने का दावा विक्टोरोव्ह ने किया है। ‘इस्राइल की माँग के अनुसार रशिया ईरान के दोस्तों से सीरिया से निकलने की सिर्फ माँग कर सकता है। लेकिन इसके लिए रशिया ईरान पर दबाव नहीं डाल सकता’, ऐसा व्हिक्टोरोव्ह ने स्पष्ट कहा है।

ईरान, सीरिया से बाहर, नहीं निकाल, इस्राइल, स्थित, रशिया, राजदूत, विधानउसीके साथ ही सिरे में तैनात ईरान का सैन्य इस्राइल की सीमारेखा से १०० किलोमीटर की दूरी पर रखने का आश्वासन रशिया ने इस्राइल को नहीं दिया है, ऐसा खुलासा भी व्हिक्टोरोव्ह ने किया है। लेकिन सीरिया में स्थित ईरान के अड्डों पर हमलों को रशिया विरोध नहीं करेगा, कुछ इस तरह की तटस्थ भूमिका रशियन राजदूत ने अपनाई है। पिछले कुछ हफ़्तों में रशिया ने सीरिया में तैनात ईरान के लष्कर को गोलान सीमारेखा से १०० किलोमीटर दूर रखने की बात मान्य करने की बात इस्राइली अधिकारी ने घोषित की थी। लेकिन रशियन राजदूत ने इस दावे को ख़ारिज किया है।

सीरिया से ईरानी लष्कर पीछे नहीं हटा तो सीरिया पर इस्राइल के हमले जारी रहेंगे, ऐसी चेतावनी इस्राइल ने दी थी। उसके बाद पिछले महीने में इस्राइल के लड़ाकू विमानों ने सीरिया में स्थित ईरान के अड्डों पर चार बार हमले किए थे। साथ ही इस्राइल के इन हमलों को रशिया भी नहीं रोक सकता, ऐसी इस्राइल ने चेतावनी दी थी।

दौरान, इस्राइल की गोलान सीमा के पास का इलाका सीरियन लष्कर ने कब्जे में लिया है। उसीके साथ ही इस इलाके में सीरियन सैनिकों की तैनाती भी बढ़ रही है और इस सैन्य तैनाती की आड़ में ईरान और हिजबुल्लाह के जवान इस्राइल की सीमा के पास आएँगे, ऐसी इस्राइल को चिंता सता रही है। इस मामले में इस्राइल ने रशिया को दखल देने का आवाहन किया था। उसपर रशियन राजदूत ने अपने देश की भूमिका रखी है।

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