अफ़गानिस्तान में अमरीका के ‘बगराम एअरबेस’ पर हुआ रॉकेट हमला

काबुल – शनिवार सुबह के समय अफ़गानिस्तान में स्थित अमरीका के ‘बगराम एअरबेस’ पर रॉकेट हमला होने की बात सामने आयी है। कलंदरखिल गाँव से यह हमला किया गया और सुरक्षा यंत्रणाओं ने छह रॉकेटस्‌ एवं एक ट्रक को कब्जे में किया होने की बात कही जा रही है। इस हमले के पीछे किसका हाथ है, इसकी पुख्ता जानकारी हालाँकि अभी साझा नहीं की गई है, फिर भी ‘आयएस’ ने यह हमला किया होगा, ऐसी आशंका जताई जा रही है। इसी बीच, अमरीका और नाटो की सेना के संयुक्त कमांडर जनरल स्कॉट मिलर ने यह आरोप किया है कि तालिबान अपने फायदे के लिए हिंसा का इस्तेमाल कर रहा है और उन्हें हिंसा की राह छोड़नी नहीं है।

afghanistan-usशनिवार सुबह करीबन ६.३० बजे अमरीका के बगराम हवाई अड्डे पर छह रॉकेटस्‌ दागे गए, यह जानकारी स्थानीय अफसरों ने प्रदान की। ये रॉकेटस्‌ कलंदरखिल गाँव से दागे गए हैं और सुरक्षा यंत्रणा ने रॉकेट दागने के लिए इस्तेमाल किए गए ट्रक को कब्जे में लिया गया है। इस ट्रक से सात रॉकेटस्‌ बरामद होने की बात बताई जा रही है। नाटो ने भी इस रॉकेट हमले की पुष्टि की है। फिलहाल इस हमले में किसी भी तरह का जान का नुकसान होने का वृत्त नहीं है और अमरीका एवं नाटो ने, हमले से हवाई अड्डे पर हुए नुकसान की जानकारी प्रदान नहीं की है।

बीते आठ महीनों में बगराम हवाई अड्डे पर हुआ यह दूसरा रॉकेट हमला है। इससे पहले अप्रैल महीने में ‘आयएस’ ने बगराम अड्डे पर पाँच रॉकेटस्‌ दागे थे। इसके कुछ महीने बाद राजधानी काबुल में भी रॉकेट हमलें किए गए थे। काबुल में हुए रॉकेट हमले में एक की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।

afghanistan-usइसी बीच शुक्रवार के दिन गज़नी प्रांत में हुए बम विस्फोट में १५ की मौत हुई और २० से अधिक घायल हुए। मृतकों में १२ बच्चों का समावेश है। दोपहर करीबन दो बजे गिलान जिले के एक घर के करीब विस्फोटकों से भरी बाईक का विस्फोट करवाया गया। इस विस्फोट के समय, इस घर के करीब धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। किसी भी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकार नहीं किया है। लेकिन, गज़नी में तालिबान का प्रभाव है और उसी ने यह विस्फोट करवाया होगा, ऐसी आशंका जताई जा रही है।

अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अब्दुल गनी ने, गज़नी में हुए विस्फोट की निंदा करके तालिबान की आलोचना की है। ‘अफ़गानिस्तान की जनता युद्धविराम चाहती है, यह बात तालिबान को अब स्वीकारनी होगी। अफ़गान जनता पर आतंकी हमलें करना तालिबान को रोकना ही होगा। ये हमलें मानवता के विरोध में हैं और तालिबान ने शांतिप्रक्रिया का स्वीकार करना आवश्‍यक बना है’, ऐसा इशारा भी राष्ट्राध्यक्ष गनी ने दिया है।

afghanistan-usसंयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त अफ़गान राजदूत अदेला राझ ने यह चेतावनी भी हाल ही में दी थी कि यदि अफ़गानिस्तान में देखी जा रही सच्चाई अनदेखी करके तालिबान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल किए, तो यह इस देश में शांति स्थापित करने की दिशा में जारी कोशिशों के लिए प्रतिकूल एवं हानिकारक साबित होगा। अमरीका और नाटो की सेना के प्रमुख जनरल मिलर ने भी नाराज़गी जताई है और ‘तालिबान शांति प्रक्रिया से फायदा उठाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल कर रहा है’ इन शब्दों में फटकार लगाई है।

गज़नी में हुए विस्फोट की पृष्ठभूमि पर, अफ़गान सुरक्षा बलों ने तीन प्रांतों में तालिबान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू करने की जानकारी प्रदान की है। झाबुल, कंदहार और उरुझ्गान प्रांत में ‘अफ़गानिस्तान नैशनल डिफेन्स ॲण्ड सिक्युरिटी फोर्सेस’ ने की कार्रवाई में ४७ तालिबानी आतंकियों को ढ़ेर किया गया। इस मुहिम में कई आतंकी घायल हुए हैं और बड़ी मात्रा में हथियारों का भंड़ार भी बरामद किए जाने की बात कही गई है।

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