निर्दोष कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान रिहा करें – भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर की मांग

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: ‘कुलभूषण जाधव निर्दोष है| पाकिस्तान तुरंत उन्हें रिहा करें और स्वदेश रवाना करें’, यह निवेदन भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर इन्होंने किया| संसद के दोनों सदनों में बोलते समय विदेशमंत्री ने पाकिस्तान को यह निवेदन किया| वही, जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने ही पक्ष में निर्णय करने का दावा कर रहे पाकिस्तान को वकिल हरिश साळवे ने समझ दी है| अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दिए निर्णय के नुसार यदि पाकिस्तान जाधव के लिए वकिलों की सहायता देने से इन्कार करता है तो इसके विरोध में भारत फिर से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहुंच सकता है, यह इशारा साळवे ने दिया है|

बुधवार के दिन हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने का निर्णय सुनाया और उनके उपर सिविल कोर्ट में मुकदमा चलाने की कोशिश की थी| इस मामले से जुडी भारत की अधिकांश मांगे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने स्वीकारी है, यह होते हुए भी पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने पक्ष में निर्णय करने का दावा कर रहा है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने सोशल मीडिया पर व्यक्त की हुई प्रतिक्रिया में पाकिस्तान की जीत होने की बात कही है| पाकिस्तान के विदेशमंत्री, माध्यम और विश्‍लेषक भी यही दावे करके अपने आप को संतोष देने की कोशिश कर रहे है|

लेकिन, संसद के दोनों सदनों में बोलते समय भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने अंतरराषअट्रीय न्यायालय ने भारत की भूमिका मंजूर करने का खुलासा किया| कुलभूषण जाधव को वकिली सहायता देने का भारत का अधिकार मंजूर करके अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान ने इस संबंधी वियन्ना समझौते का उल्लंघन किया है, यह आरोप भी रखा| इस काफी अहम बात पर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया| साथ ही विदेशमंत्री ने कुलभूषण जाधव निर्दोष है और उनके विरोध में रखे आरोपों में सच्चाई ना होने की गवाही दी| इसीलिए पाकिस्तान जल्द से जल्द जाधव की रिहाई करें और उन्हें भारत रवाना करें, यह मांग विदेशमंत्री जयशंकर ने रखी|

लेकिन, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव फांसी से बच निकले तो भी उन्हें जेल में ही रहना होगा, यह संकेत दे रहा है| इसके साथ ही सिविल कोर्ट में भी जाधव के विरोध में रखे आरोप सिद्ध करना मुमकिन है, ऐसा पाकिस्तान के विश्‍लेषकों का कहना है| जाधव को वकिली सहायता देने का अधिकार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंजूर किया हो, फिर भी पाकिस्तान इस विषय पर उतना गंभीर नही है, यह बात स्पष्ट हो रही है| इसपर गंभीरता से संज्ञान लेकर भारत का पक्ष रखनेवाले वकिल हरिश साळवे ने पाकिस्तान को कडी चेतावनी दी है|

जाधव को वकिली सहायता देकर उनके बुनियादी हक से इन्कार करने की कोशिश पाकिस्तान ने की तो भारत फिर से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के सामने दर्ख्वास्त दाखिल कर सकता है, ऐसा साळवे ने कहा है| इस दौरान शुल्क के रूप में सिर्फ एक रुपया स्वीकार करके अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत का पक्ष सफलता के साथ रखनेवाले साळवे की देशभर में प्रशंसा हो रही है|

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